जानिए क्या डायबिटीज के मरीज खा सकते हैं भिंडी

ज्यादातर घरों में बनने वाली भिंडी के सेवन के कई फायदे हैं. आपने अपने बड़े-बुजुर्गों से इस सब्जी से जुड़े कई फायदों के बारे में सुना होगा. लेकिन क्या भिंडी इतनी फायदेमंद है कि ब्लड शुगर लेवल और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने का करिश्माई काम कर दें? दरअसल डायबिटीज के मरीजों के लिए भिंडी दो कारणों से अच्छी मानी जाती है. एक तो ये कि भिंडी इनसॉल्यूबल डाइटरी फाइबर का एक अच्छा सोर्स है, जो चीनी को रिलीज में देरी करता है और भूख को भी कंट्रोल में रखता है.

दूसर कारण यह है कि भिंडी इंटेस्टाइनल ट्रैक्ट के जरिए चीनी के अब्जॉर्प्शन को कंट्रोल करता है. साल 2011 में जर्नल ऑफ़ फार्मेसी एंड बायो एलाइड साइंसेज में पब्लिश एक स्टडी में रिसर्चर्स ने पाया था कि सूखी और पिसी हुई भिंडी के छिलके और बीज खाने वाले डायबिटिक चूहों में ब्लड शुगर का लेवल कम था. जबकि बाकी चूहों ने ब्लड शुगर के लेवल में धीरे-धीरे कमी का अनुभव किया, लगभग 10 दिनों तक.

भिंडी में घुलनशील और अघुलनशील फाइबर उच्च मात्रा में पाए जाते हैं. इन्हें पचाने में ज्यादा वक्त लगता है. इसलिए इस प्रोसेस में ब्लड में शुगर की संभावना कम या धीमी हो जाती है. यानी ब्लड शुगर कभी न तो बढ़ता है और न ही कभी गिरता है. हां मगर स्टेबल जरूरत रहता है. डायबिटीज के मरीजों के लिए भिंडी इसलिए फायदेमंद मानी जाती है, क्योंकि ये इंटेस्टाइन में चीनी के अब्जॉर्प्शन को धीम कर देता है. सिर्फ यही नहीं, इसके अलावा भिंडी फाइटोकेमिकल्स, लिनोलिक एसिड, एंटीऑक्सिडेंट और पोटेशियम, विटामिन C, प्रोटीन, कैल्शियम और फोलेट जैसे जरूरी पोषक तत्वों का भी एक अच्छा सोर्स है.

भिंडी में फाइबर के साथ-साथ एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन B6 और फोलेट ज्यादा मात्रा में होता है. ये सभी तत्व ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने और डायबिटिक न्यूरोपैथी के विकास को कम करने में हेल्प करते हैं. इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है. ये एक ऐसा इंडेक्स है, जो इस बात की जांच करता है कि भोजन आपके रक्तप्रवाह में शुगर के लेवल को कितनी जल्दी प्रभावित करता है.

यह भी पढे –

क्या आप भी हेल्दी खाकर अपना वजन करना चाहते हैं कम, फॉलो करें ये डाइट

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *