जानिए क्या एक किडनी पर भी जिंदा रह सकता है इंसान

मानव के शरीर में दो किडनी होती है. इसका काम खून को साफ करना और वेस्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालना है. कई बार आपने किडनी डोनेशन की खबर सुनी होगी लेकिन क्या आप किडनी डोनेशन से जुड़ी हर जरूरी बात जानते हैं. अगर नहीं तो यहां जानें किडनी डोनेशन के नियम, सावधानियां और एक-एक बात..

जब कोई व्यक्ति अपनी एक किडनी डोनेट करता है उसके बाद एक किडनी बचती है. एक किडनी में हमारा शरीर सामान्य से ज्यादा काम करता है. इससे एक किडनी का फंक्शन बढ़ जाता है और इंसान नॉर्मल जिंदगी बड़े ही आराम से जी सकता है.

जब भी किडनी डोनेट की जाती है तो उसकी एक प्रक्रिया होती है. किडनी रिमूवल सर्जरी के लिए लेप्रोस्कोपिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है. इससे ब्लीडिंग और इंफेक्शन का रिस्क काफी हद तक न के बराबर होता है. किडनी डोनेशन के बाद डोनर एक से तीन महीने में ठीक हो पाता है. हालांकि, उसे अस्पताल में ज्यादा दिन नहीं रहना पड़ता है. डॉक्टर घर पर रहकर भी आराम करने की सलाह देते हैं.

हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर किडनी डोनेट करने वाला हेल्दी है तो उसे आगे किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं आएगी. 30 से 40 साल की उम्र किडनी डोनेट करने वाला अगर बिल्कुल स्वस्थ है तो आने वाले 20 से 25 साल उसे किसी तरह की समस्या नहीं होगी.

किडनी डोनेट करने के लिए वैसे तो एडल्ट एज सबसे परफेक्ट माना जाता है. पहले ज्यादा उम्र यानी 60 से 65 साल के लोगों का किडनी नहीं लिया जाता था लेकिन अब डोनर्स की कमी की वजह से इस उम्र में भी लोग किडनी डोनेट कर सकते हैं. हालांकि, इससे पहले उनका पूरा बॉडी चेकअप होता है.

किडनी डोनेशन से पहले बॉडी का चेकअप होता है कि डोनर पूरी तरह फिट है या नहीं. अगर आप फिट हैं और किसी तरह की गंभीर बीमारी नहीं है तो आप किडनी डोनेट कर सकते हैं. हालांकि, ये पूरी प्रक्रिया थोड़ा खतरनाक होता है. जबकि किडनी डोनेशन सेफ माना जाता है.

किडनी डोनेट करने के 6 हफ्तों यानी डेढ़ महीने तक हैवी सामान उठाने से बचें.
इस दौरान हैवी एक्सरसाइज और स्पोर्ट्स एक्टिविटीज से बचना चाहिए.
डोनर को डाइट और लाइफस्टाइल का विशेष तौर पर ख्याल रखना चाहिए.
शराब, कैफीन और हाई प्रोटीन फूड्स से दूरी बनाकर रखनी चाहिए.

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