आपने अभी तक ग्रीन टी, लेमन टी, जींजर टी और ना जाने कितनी ही प्रकार की टी पी होगी पर क्या आपने कभी व्हाइट टी पी है. नहीं ना तो आज हम आपको इस व्हाइट टी के बारे में बताएंगे. इतनी महंगी मिलने वाली यह चाय चीन से अब भारत में आई है. पहले इस चाय का भारत में कोई ट्रेंड नहीं था पर इसके सेहत को मिलने वाले लाभ के कारण यह अब भारत में भी धीरे धीरे फैमस होती जा रही है.
दरअसल इस चाय को कैमेलिया पौधे की पत्तियों से बनाया जाता है. ये इस पौधे की सफेद पत्तियों से तैयार की जाती है. जो कि नई पत्तियों और इसके आसपास के सफेद रेशों से बनती है. इस चाय का रंग लाइट ब्राउन या व्हाइट कलर का होता है. इसमें टैनीन, फ़्लोराइड्स, फ़्लेवोनॉइड्स और एंटीऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं. इसमें कैफिन की मात्रा बहुत कम होती है.
इस चाय में पाॅलीफेनाॅल्स की मात्रा काफी होती है, जो एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करती है. ये बाॅडी को ऑक्सीडेटिव नुकसान से बचाती है और सूजन को दूर करने में मदद करती है.
इस चाय के प्राकृतिक गुण ब्लड ग्लूकोज लेवल को कम रखती हैं, साथ ही ये मसल्स में भी ग्लूकोज लेवल को बढ़ने नहीं देते हैं. यही कारण है कि जिन्हें डायबिटीज है वह इस चाय के सेवन से इसे कंट्रोल कर सकते हैं.
इस चाय में एंटी एजिंग और एंटीऑक्सीडेंट के गुण होते हैं, जो स्किन को टाइट और ग्लो बनाती है. साथ ही इसके सेवन से रिंकल्स भी दूर रहते हैं.
दरअसल इस चाय को बनाने का प्रोसेस इसे महंगा बना देता है. इसकी कटाई का प्रोसेस अन्य चायों से अलग है. हालांकि व्हाइट टी भी उसी पौधे से आती है जहां से काली और हरी चाय आती है पर सफेद चाय की खेती की प्रक्रिया इसे और चायों से महंगा बना देती है. इसकी देखभाल की प्रक्रिया और उगाने की प्रक्रियाओं में समय लगता है. क्योंकि इस चाय के उत्पादन में केवल छोटी कलियां और पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है.
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