ताजी और मीठी दही खाना हमारी टेस्ट बड्स यानी जीभ में मौजूद स्वाद ग्रंथियों को बहुत लुभाता है. दही खाते ही मानो मन खुश हो जाता है. हम सभी कभी चीनी मिलाकर तो कभी रायता बनाकर दही का सेवन करते हैं. दही पुराने समय से हमारी डायट का हिस्सा है क्योंकि ये हमारी गट हेल्थ यानी पेट में मौजूद हेल्दी बैक्टीरिया को तंदरुस्त रखने का काम करती है, जिससे पाचनतंत्र मजबूत रहता है.
दही को आमतौर पर गर्मी का फूड माना जाता है. क्योंकि गर्मियों में प्लेन दही से लेकर, जीरा तड़का वाली दही, दही का रायता या दही की लस्सी इत्यादि के रूप में हम इसका सेवन करते हैं. ताकि शरीर में हाइड्रेशन का स्तर बना रहे और लू ना सता सके. लेकिन सर्दियों में दही खाने को लेकर हम थोड़े से लापरवाह हो जाते हैं. क्योंकि हमें लगता है कि दही सिर्फ गर्मियों का भोजन है सर्दी में इसका क्या काम! लेकिन ऐसा नहीं है, सर्दी में आपको क्यों और किस विधि से दही का सेवन करना चाहिए, यहां इसी बारे में बताया गया है…
सर्दी में क्यों खाएं दही?
सर्दी के मौसम में गरिष्ठ भोजन अधिक खाया जाता है. यानी ऐसे फूड्स जिन्हें डायजेस्ट करने में अधिक समय लगता है, जो तासीर में गर्म होते हैं, जिन्हें बनाने में घी और तेल का अधिक उपयोग होता है. इन सभी गुणों से भरपूर फूड्स को आयुर्वेद की भाषा में गरिष्ठ भोजन कहा जाता है.
जैसे, घरों में बनाए जाने वाले गोंद के लड्डू, आटे के लड्डू, उड़द दाल के लड्डू, हलवा, चिक्की, रेबड़ी तिल के लड्डू, तिल चिक्की इत्यादि. ये सभी फूड्स शरीर को एनर्जी और हीट देने का काम करते हैं ताकि सर्दी का असर सेहत पर हावी ना हो पाए. लेकिन नियमित रूप से इनके सेवन से कई बार पेट में जलन, स्किन पर खुजली या पाचन संबंधी समस्याएं हो जाती हैं.
ऐसा पेट में बहुत अधिक गर्मी हो जाने के कारण होता है. इसलिए पाचनतंत्र को सही रखने तथा शरीर के तापमान को बैलंस रखने के लिए दही खाना जरूरी होता है.
सर्दी में कैसे करें दही का सेवन?
दही के सेवन से जुड़ा एक नियम आप याद कर लीजिए और वो ये कि मौसम कोई भी हो, दही का सेवन हमेशा दोपहर के समय ही करना है.
क्योंकि आप सुबह नाश्ते में दही खाएंगे तो आपको नींद आने की समस्या हो सकती है या शरीर में भारीपन महसूस हो सकता है. और यदि आप रात में दही खाएंगे तो शरीर में सूजन और जोड़ों में दर्द या मसल्स पेन की समस्या हो सकती है.
दही को हमेशा चीनी मिलाकर या ड्राइफ्रूट्स और मिश्री मिलाकर नाश्ते और लंच के बीच के ब्रेक में खाएं या फिर लंच करने के एक घंटा बाद इसका सेवन करें.
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