कई बार खाने को लेकर हमारी मिक्स्ड फीलिंग होती है. क्या कभी आपने सोचा है कि खाने के बाद कभी-कभी आपको भूख क्यों लगती है? कई बार ऐसा भी होता है कि खाने के बाद भी आपका पेट भरा हुआ महसूस नहीं होता.
‘भूख’, भूख लगने का अहसास है. वहीं स्टार्विंग तब होती है जब किसी व्यक्ति ने भूख का एहसास ही खो दिया हो और खाना खाने के बाद भी वो संतुष्ट महसूस न कर रहा हो. तो चलिए आज हम आपका ये कंफ्यूजन दूर करते हैं और आपको बताते हैं कि भूख और स्टार्विंग के बीच आखिर क्या अंतर है और और ये दोनों एक दूसरे से कैसे अलग हैं.
भूख और स्टार्विंग, हालांकि दोनों ही खाने की जरूरत के बारे में बात करते हैं लेकिन भूख और भूखे रहने के बीच एक बड़ा अंतर है. भूख शब्द का इस्तेमाल तब किया जाता है जब आपका पेट खाली होता है और आपको अंदर से भूख महसूस होती है. दूसरी ओर, स्टार्विंग एक तरह की एक्सरसाइज है जिसके जरिये आप अपने आप को बिना भोजन के जीने के लिए ट्रेन करते हैं. ये दो शब्दों के बीच मुख्य अंतर है.
दरअसल भूख एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो शरीर के शारीरिक कार्य के रूप में होती है. ‘भूख एक फीलिंग है, जबकि स्टार्विंग एक मेडिकल कंडीशन है’. भूख खाने या पीने की जरूरत है. भूख को कई तरीकों से अनुभव किया जा सकता है. जबकि स्टार्विंग को हम 2 तरह से समझ सकते हैं.
अगर आपको कुछ भी खाए 5 से 6 घंटे का वक्त बीत चुका है तो आप भूख महसूस कर सकते हैं.
अगर आप की आखिरी मील बहुत छोटी या लाइट थी.
पेट में गड़गड़ाहट की आवाज के साथ दर्द महसूस होना भूख लगने का इंडिकेशन हो सकता है.
भूख तनाव, चिंता और चिड़चिड़ापन जैसी कई तरह की परेशानियां पैदा करती है.
कई बार ठीक तरीके से नींद न होना या अच्छी डाइट न लेने की वजह से भी इस तरह की समस्याएं होती हैं.
हमारा मूड हमारी भूख और स्टार्विंग को भी दर्शाता है. इस प्रकार, ओवर ईटिंग से बचने के लिए, एंश्योर करें कि कोई इमोशन आप भी पर भारी न पड़ रहा हो.
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