दही हमेशा से ही हमारे खाने का एक खास हिस्सा रहा है. ये खाने का स्वाद दोगुना बढ़ा देता है इसके अलावा इस में पोषक तत्वों की भी कमी नहीं होती. हर भारतीय थाली में आपको दही दिख ही जाएगी, अब बात करते हैं योगर्ट की कई ऐसी रेसिपीज होती है जिसमें हम योगर्ट का इस्तेमाल करते हैं और अक्सर हम लोग दही और योगर्ट में कंफ्यूज हो जाते हैं. हमें लगता है कि दोनों तो देखने में सफेद है और क्रीमी है तो दही का ही कोई दूसरा नाम योगर्ट होगा, हालांकि यह थोड़ा बहुत मिलता है, यह भी एक डेयरी उत्पाद ही है लेकिन फिर भी दही और योगर्ट एक-दूसरे से काफी अलग है.
सबसे बड़ा अंतर यह है कि दोनों का बनाने का तरीका अलग अलग है. दही को बनाने के लिए पहले दूध को गर्म करते हैं फिर ठंडा करते हैं और उसमें थोड़ा सा दही का जोड़न डालते हैं, जिसमें लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया होता है तो दही तैयार होता है.
योगर्ट को घर में तैयार नहीं किया जाता. यह एक इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट है. इसे तैयार करने में दो अलग-अलग बैक्टीरिया को मिलाया जाता है. योगर्ट को बनाने के लिए आर्टिफिशियल फर्मेंटेशन प्रोसेस से होकर गुजरना पड़ता है .योगर्ट में फ्लेवर ऐड करने के लिए इसमें कुछ फलों को मिला दिया जाता है जैसे आम सेब केला चीकू और की भी समेत कई फ्लेवर मिल सकते हैं योगर्ट में दो अलग-अलग बैक्टीरिया होते हैं दही के मुकाबले यह गाढ़ा ज्यादा होता है और छाछ को छानकर तैयार किया जाता है.
दही पोषण का भंडार है, इसमें विटामिन कैल्शियम राइबोफ्लेविन, फास्फोरस विटामिन बी सिक्स आयरन विटामिन b12 प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. हालांकि योगर्ट की बात करें तो इसका प्रोटीन लेवल ज्यादा है. योगर्ट में सोडियम, विटामिन ए, कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. योगर्ट स्वाद में हल्की खटास लिए हुए दही से ज्यादा मीठा होता है. एक बाउल योगर्ट में 100 कैलोरीज पाया जाता है. जबकी एक बाउल दही में 60 कैरोलीज पाया जाता है.मगर दोनों ही गट्स फ्रेंडली बैक्टीरिया है.
दही हमारे पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है. इसके अलावा हमारी हड्डियों और दातों को मजबूती देता है. योगर्ट के सेवन से वजन घटाने में मदद मिलती है. ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल भी कम करने में मददगार होता है, इसके अलावा योगर्ट ऑस्टियोपोरोसिस और गठिया समेत कई रोगों में लाभकारी है.
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