पाकिस्तान के जैवलिन थ्रोअर अरशद नदीम ने पेरिस ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर अपने देश के लिए इतिहास रचा है। उनके घर पर जश्न का माहौल है। उनकी मां ने बताया है कि उन्होंने अपने बेटे की कामयाबी के लिए दुआ की थी। आज उनका बेटा पाकिस्तान का बड़ा हीरो बन गया है। अरशद नदीम की मां ने कहा, “मां हमेशा अपने बेटे के लिए दुआ करती है। बेटे के साथ मां की दुआ हर समय रहती है। मां की दुआ होती है कि बेटा जहां जाए, वहां उसको कामयाबी मिले। वह अपने गेम में कामयाब हो। मैंने अरशद के लिए दुआ की और मेरे बेटे ने पाकिस्तान का नाम रोशन कर दिया।”
अरशद नदीम की मां ने बताया, “मेरा बेटा कहता है कि वह पाकिस्तान के लिए अपनी जान से ज्यादा मेहनत करता है। वह देश का नाम रोशन करना चाहता है। पाकिस्तान के नाम मेडल करके देश का झंडा फहराना चाहता है। पाकिस्तान ने भी अरशद के लिए दुआ की है। दुनिया के मुस्लिम भाई-बहनों ने भी मेरे बेटे के लिए दुआ की। पाकिस्तान इस बात से बहुत खुश है कि अरशद नदीम देश का हीरो बन गया है।” अरशद नदीम की मां ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी हो रही है कि अरशद नदीम पाकिस्तान का इतना बड़ा हीरो बन गया है। अरशद नदीम ने पेरिस ओलंपिक पुरुष भाला फेंक प्रतियोगिता में 92.97 मीटर के ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। यह पाकिस्तान के लिए ओलंपिक में पहला व्यक्तिगत गोल्ड मेडल है।
अरशद ने जाते वक्त वेटी से कही ये बात
पाकिस्तान में नदीम के घर खानेवाल में नदीम की जीत का क्रेडिट उनकी मां को दिया जा रहा है। नदीम की मां को शुक्रवार को स्थानीय लोगों के द्वारा गुलदस्ता भेंट कर सम्मान दिया गया था। नदीम के घर के पास लोगों के मिलने का सिलसिला शुरू हो चुका है। ढोल बजाकर, नाचकर, मिठाई खिलाकर इस गोल्ड मेडल का जश्न मनाया जा रहा है। अरशद नदीम ने बेटी रुमाइसा ने बताया कि “पापा ने हमसे जाते वक्त कहा था कि हमारे लिए दुआ करना और मैं तुम लोगों के लिए चॉकलेट लेकर आऊंगा।” अरशद नदीम ने टोक्यो ओलंपिक में भी फाइनल में जगह बनाई थी। वह ऐसा करने वाले पहले पाकिस्तानी ट्रैक एंड फील्ड एथलीट बने थे।