जानिए क्या है अस्थमा के नुकसान और कंट्रोल करने का तरीका

अस्थमा एक ऐसी समस्या होती है, जिसमें व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होती है. दरअसल, अस्थमा की समस्या में फेफड़ों में जाने वाले वायुमार्ग में सूजन आ जाती है, जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है. ऐसे में यदि अस्थमा के मरीज को जरा सी भी धूल-मिट्टी लग जाए, तो उसे सांस लेने में बहुत परेशानी हो सकती है. कई बार तो दमा का अटैक तक आ जाता है. यह एक गंभीर बीमारी है. इसलिए इसके लक्षण समझना जरूरी होता है. अस्थमा में एक टर्म अस्थमा फ्लेयर अप भी होता है. दरअसल, ये एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आपको सांस लेने में कठिनाई, छाती में तेज दर्द, सांस लेते समय सीटी जैसी आवाज आना और खांसी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.

जब सांस लेने के मार्ग में सूजन आ जाती है, तो फ्लेयरअप हो जाता है. इसमें हवा का प्रवाह सही से नहीं हो पाता, जिससे सांस अटकने लगती हैं. कई बार गले में बलगम बनने से भी सांस लेने में दिक्कत होती है. इसके साथ ही इस स्थिति में वायुमार्ग के आसपास की मांसपेशियां कसने से हवा के जाने वाला मार्ग संकीर्ण हो जाता है.

फ्लेयर अप को रोकने के लिए आपको कुछ दवाइयों और डॉक्टर्स द्वारा दी गई दवाइयों को लेना होगा. इसके लिए आप हमेशा अपने पास इनहेलर और स्पेशर रखें. इसके साथ ही धुएं, धूल-मिट्टी, पालतू जानवर से दूर रहें, क्योंकि इनसे अस्थमा ट्रिगर होता है.

यदि आपको ऐसा महसूस हो कि आपको अस्थमा फ्लेयर-अप होने वाला है, तो इसके लिए आप इनहेलर का इस्तेमाल करें और डॉक्टर्स की दी गई गवाइयों को लें. इसके साथ ही जितना हो सके, खुद को तनाव की स्थिति से दूर रखें. इसके साथ ही अगर आपको जरूरी लगे, तो अपने आस-पास के लोगों की मदद लें.

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