बारिश और बाढ़ में कंजेक्टिवाइटिस यानी आई फ्लू के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. आंखों में संक्रमण के चलते लालिमा, दर्द और जलन की समस्या हो रही है. वैसे तो ये समस्या कुछ दिनों में खत्म हो जाती है लेकिन कई बार यह गंभीर रूप भी ले सकती है. आंखों के एक्सपर्ट्स का कहना है कि आई फ्लू होने पर कुछ लोगों ने खुद ही आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया, जिनमें स्टेरॉयड की अधिकता हो सकती है. इससे कुछ समय के लिए आई फ्लू से आराम तो मिल जाता है कि लेकिन लंबे समय के लिए स्टेरॉयड आंखों में गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है. इसलिए आई फ्लू का सही इलाज कराना चाहिए. खुद से स्टेरॉयड वाले आई ड्रॉप्स का यूज नहीं करना चाहिए.
कंजेक्टिवाइटिस के प्रकार
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, दिल्ली समेत कई राज्यों में कंजेक्टिवाइटिस के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. यह एक सेल्फ लिमिटिंग डिजीज है, जिसका मतबल कुछ समय बाद यह खुद ही ठीक हो सकती है. कंजेक्टिवाइटिस के हर केस में एंटीबायोटिक की जरूरत नहीं होती है. कई बार इस संक्रमण के वायरल होने का खतरा भी रहता है, जिसका समय पर इलाज आवश्यक होता है.
स्टेरॉयड का इस्तेमाल न करें
आई फ्लू का वैसे तो कोई प्रमाणित इलाज नहीं है लेकिन कुछ स्थितियों में बीमारी की कंडीशन को देखते हुए डॉक्टर कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स वाले आई ड्रॉप्स देने की सलाह दे सकते हैं. इससे एडेनोवायरल कंजेक्टिवाइटिस इंफेक्शन खत्म हो सकता है. लेकिन कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स हर किसी के लिए नहीं होता है. इसके उपयोग को लेकर सावधानी की आवश्यकता होती है. अगर इसका ज्यादा या बिना जरूरत के इस्तेमाल किया तो संक्रमण बढ़ सकता है और लंबे जोखिम का खतरा भी हो सकता है.
स्टेरॉयड आंखों के लिए खतरनाक
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, एम्स के आरपी सेंटर के प्रमुख डॉ. जेएस टिटियाल का कहा है कि आई फ्लू के करीब 20-30 प्रतिशत केस में पॉजिटिव बैक्टीरियल कल्चर देखने को मिले हैं, जो बताते हैं कि ये सुपरएडेड बैक्टीरियल इंफेक्शन हैं. डॉक्टर का कहना है कि स्टेरॉयड वाले आई ड्रॉप्स का ज्यादा इस्तेमाल कई तरह का खतरा पैदा कर सकता है. ऐसे लोग जो लंबे समय तक कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स का इस्तेमाल करते हैं, उनमें ग्लूकोमा और मोतियाबंद का खतरा हो सकता है. दोनों ही आंखों के लिए गंभीर है. इनसे आंखों की रोशनी जाने का खतरा भी रहता है.
Eye एक्सपर्ट का क्या कहना है
आंखों के एक्सपर्ट का कहना है कि कंजेक्टिवाइटिस को लेकर अलर्ट रहना चाहिए. इससे बचने के लिए उपाय अपनाते रहना चाहिए. अगर समय रहते इस बीमारी की पहचान हो जाए तो यह जल्दी से ठीक हो जाता है. आंखों में संक्रमण होने पर डॉक्टर की सलाह पर ही किसी दवा का इस्तेमाल करें. ज्यादातर मामलों में ठंडी सेंकाई और आराम करें. इससे आंखों का संक्रमण ठीक हो जाता है.
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