जानिए,पनीर और छेना में ये बड़ा अंतर जो नहीं जानते हैं आप

पनीर औऱ छेना दोनों ही प्रोटीन से भरपूर फूड है. बीमार हो या किसी भी तरह की कमजोरी है तो डॉक्टर सबसे पहले कहते हैं आप रोजाना खाली पेट छेना खाइए. वेजिटेरियन वालों के लिए छेना या पनीर उनकी जान हैं. पनीर की सब्जी, सैंडविच और भुर्जी पहली पसंद होती है. अब सवाल यह उठता है कि दोनों चीजों में से सेहत पर सबसे ज्यादा फायदा कौन करता है? कई बार लोग पनीर और छेना को एक ही समझते हैं क्योंकि दोनों दूध से बनता है और दोनों के बनाने का प्रोसेस एक जैसा है तो शरीर को एक जैसा ही पोषण देता है.

पनीर और छेना दोनों को दूध से बनाया जाता है. दूध में नीबू और सिरका डालकर दोनों को बनाया जाता है. लेकिन दोनों में एक सबसे फर्क यह है कि दूध से पनीर निकालते वक्त, पनीर से पूरी तरह से पानी निकाल लिया जाता है. जिससे हाइ़्रेशन की कमी हो जाती है. छेना में पनीर से ज्यादा नमी होती है. क्योंकि उसमें काफी पानी भी होता है. वहीं पनीर एकदम ड्राई होता है.

छेना तुरंत निकालकर खाया जाता है. और काफी ज्यादा फ्रेश होता है.

छेना को आपको तुरंत खाना पड़ता है लेकिन पनीर लंबे समय तक चलता है. छेना को मुलायम और भुरभुरा होता है वहीं पनीर सख्त औऱ क्यूब्स के आकार का बना सकते हैं.

छेना, पनीर से बेहतर इसलिए होता है क्योंकि इसे कुछ घंटों के बीच आराम से खाया जा सकता है. छेना एकदम फ्रेश खाया जाता है वहीं पनीर का पता लगाना यह फ्रेश है या नहीं काफी मुश्किल है. छेना में प्रोटीन और कैल्शियम अधिक मात्रा में होती है. वहीं पनीर नहीं ज्यादा नहीं होता.

विटामिन बी 1 नसों को सुरक्षित रखती है. इसमें कार्बोहाइड्रेट पाचन क्रिया अच्छा करता है. दिल की बीमारी से बचाता है. रेड ब्लड सेल्स को बेहतर करता है.

विटामिन सी खांसी और जुकाम से हमारी रक्षा करता है. साथ ही यह हमारी इम्यनिटी को मजबूत करता है.

छेना में भरपूर मात्रा में प्रोटीन होता है जो हमारे शरीर को पोषण देता है.

फॉस्पोरस हड्डियों को मजबूत करने का काम करती है. साथ ही यह कैल्शियम के साथ मिलकर शरीर में अच्छे से काम करती है.

मैग्नीशियन दांत, हड्डी के बेहद जरूरी है. साथ ही पेट की पाचन क्रिया के लिए भी बेहद जरूरी है.

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