सर्दियों शुरू होते ही मूंगफली की ठेलियां भी दिखने लग जाती हैं. कौन नहीं चाहता कि इस ठंड में कुरकुरे मूंगफली का आनंद लिया जाय. मूंगफली के स्वास्थ्य लाभ भी अनेक हैं इसलिए इसे सुपरनट भी कहा जाता है. मूंगफली के फायदे इतने हैं कि उनको लिस्टेड करना आसान नहीं है. वहीं आपको बता दें कि ये नट सभी के लिए हेल्दी नहीं है. मूंगफली के नुकसान भी बहुत हैं. कई लोगों को इसके सेवन से बिल्कुल परहेज करना चाहिए. आप सोच रहे होंगे कि ऐसे लोगों की क्या पहचान है जिन्हें इस नट को नहीं खाना चाहिए. अगर आप भी उस ग्रुप में आते हैं जिन्हें मूंगफली नहीं खानी हैं, तो जान लीजिए आपको कौन से नुकसान हो सकते हैं.
गाउट प्यूरीन मेटाबॉलिज्म विकार के कारण होने वाली बीमारी है. सभी गाउट रोगी हाइपरयूरिसीमिया से पीड़ित होंगे क्योंकि हाई फैटी डाइट यूरिक एसिड के स्राव को कम करेगा और रोग को बढ़ाएगा, इसलिए गठिया के रोगियों को मूंगफली नहीं खानी चाहिए.
शरीर में फैट के पाचन और अवशोषण के लिए पित्त बहुत जरूरी है. भोजन करने के बाद पित्ताशय पित्त को पाचन और अवशोषण की सुविधा के लिए ग्रहणी में स्रावित करता है. हाई-प्रोटीन और हाई फैट वाले फूड्स पित्ताशय पर तीव्र उत्तेजना पैदा करेंगे, जो पित्त के स्राव को बढ़ावा देगा. मूंगफली में निहित तेल वसा के पाचन को प्रभावित करेगा.
इनमें से कई रोगी पुराने पेट दर्द, दस्त या अपच और अन्य लक्षणों से पीड़ित होते हैं. इसलिए उन्हें अपनी डेली डाइट में ऑयल और फैटी भोजन कम करना चाहिए. जबकि मूंगफली में प्रोटीन और वसा की मात्रा अधिक होती है, जिसे शरीर द्वारा पचाना और अवशोषित करना मुश्किल होता है, इसलिए यह इन रोगियों के लिए उपयुक्त नहीं है.
मूंगफली कैलोरी और वसा से भरपूर होती है. तली हुई मूंगफली खाने का मतलब है कि आपके शरीर में काफी कैलोरी जमा हो जाती है. इसलिए जो लोग अपना वजन कम करना चाहते हैं उन्हें मूंगफली से दूर रहना चाहिए.
हाइपरलिपोप्रोटीनेमिया रोगियों के लिए डाइट थेरेपी में कैलोरी, सेचुरेटेड फैटी एसिड और कोलेस्ट्रॉल का सेवन कम करना है. मूंगफली एक प्रकार का हाई फैट और हाई कैलोरी वाला भोजन है, जो बहुत अधिक खाने से रोग को बढ़ा देगा, जिससे कोरोनरी हृदय रोग और अन्य हृदय रोग हो सकते हैं.
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