आजकल कम उम्र के लोगों को हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट की बीमारी सबसे ज्यादा हो रही है. डॉक्टर्स का मानना है कि इसके पीछे बड़ी वजह हमारी लाइफस्टाइल और पर्सनेलिटी भी है. ज्यादा मोटापा, ब्लड प्रेशर बढ़ना, तनाव, कोलेस्ट्रॉल बढ़ना और स्मोकिंग जैसी आदतों की वजह से भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ रहा है. वहीं कुछ लोगों की पर्सनैलिटी ऐसी होती है जिन्हें हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा रहता है. आपको हैरानी होगी कि कुछ लोगों में ऐसी आदतें होती हैं जो हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ाती हैं. ऐसे लोग हार्ट संबंधी बीमारियों के शिकार दूसरों के मुकाबले ज्यादा होते हैं. आपका गुस्सा, आपका तनाव, नींद न आना, खाने पीने में लापरवाही वाली आदत भी हार्ट अटैक की वजह बन सकती है.
मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि जिन लोगों को बहुत गुस्सा आता है या जो लोग अपने क्रोध को काबू में नहीं कर पाते या फिर जो लोग कॉम्पटीशन की फीलिंग्स रखते हैं उन्हें टाइप A पर्सनैलिटी कहा जाता है. ऐसे लोगों को हार्ट अटैक का खतरा सबसे ज्यादा होता है. हालांकि इसका ये मतलब नहीं है कि ऐसे सभी लोगों को हार्ट अटैक की बीमारी हो. हां इतना है कि ये कारण भी कई बार हार्ट अटैक की वजह बन सकते हैं. आपके व्यवहार की वजह से भी हार्ट अटैक का खतरा काफी बढ़ जाता है.
अक्सर ऑफिस में जॉब करने वाले लोगों के ऊपर टाइम का प्रेशर होता है. उन्हें एक डेडलाइन तक अपना काम या कोई प्रोजेक्ट खत्म करना होता है, लेकिन क्या आपको पता है कि ये प्रेशर आपकी हार्ट हेल्थ के लिए अच्छा नहीं है. कई बार काम को पूरा करने की डिमांड के चलते प्रेशर बढ़ जाता है जिससे हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ता है. अगर आपको भी ऐसे प्रेशर लेनी का आदत है तो बदल लें.
कुछ लोग एक साथ बहुत सारे काम करते हैं. कुछ लोग ड्राइविंग के वक्त मैसेज करते हैं या खाना खाते वक्त फोन पर बातें करते हैं इससे आपके शरीर में स्ट्रेस लेवल बढ़ता है और इसका आपके हार्ट पर असर पड़ता है. इसलिए एक समय पर एक काम ही करें.
कई रिसर्च में ये सामने आ चुका है कि पुरुष महिलाओं के मुकाबले अपने इमोशंस को ज्यादा कंट्रोल करते हैं. पुरुषों की आदत होती है कि वो अपने गुस्से, प्यार और निराशा को किसी के सामने जाहिर नहीं करते. जो लोग इमोशंस को दबाकर रखते हैं एक्सप्रेस नहीं करते हैं उन्हें कोक्रॉनिक हेल्थ कंडीशन जैसे हार्ट अटैक का खतरा काफी ज्यादा रहता है.
रिलैक्स फील करें- जब आपको किसी बात को लेकर तनाव या गुस्सा आ रहा हो तो आप धीरे-धीरे बातें करें, शांत होने की कोशिश करें, धीरे-धीरे सांस लें और आहिस्ता-आहिस्ता चलें. इससे आपका तनाव कम होगा.
खुद को फ्री रखें- किसी के प्रेशर में आकर कोई काम न करें. खुद को फ्री और रिलेक्स छोड़ दें. किसी काम या किसी चीज को लेकर स्ट्रेस हो रहा है तो उसे न करें. फिर चाहे वो ऑफिस का काम हो या कोई पर्सनल काम हो.
योग या मेडिटेशन करें- रोजाना थोड़ी देर योग और मेडिटेशन जरूर करें. इससे आपका दिमाग शांत रहेगा और आप खुद को रिलेक्स फील करें.
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