सरसों का नाम लेते ही जेहन में सबसे पहले सरसों का तेल ही आता है, लेकिन आज हम सरसों के दाने की बात कर रहे हैं, जो हर किचन का जरूरी हिस्सा है, क्योंकि इसी सरसों के दाने से स्वाद में तड़का लगता है, कई व्यंजनों में स्वाद जोड़ने के लिए सरसों के दाने से तड़का लगाया जाता है. ये 3 तरह की होती है, सफेद काली और पीली, जो अमूमन हर घर की रसोई में मौजूद होती ही होती है, सरसों के दाने के स्वाद वाले पहलू से तो हम सब वाकिफ हैं लेकिन आज इसके स्वास्थ वाले पहलू के बारे में जानेंगे.
सरसों के दाने में कौन कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं?
सरसों के दाने में से पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर के लिए आवश्यक माने जाते हैं. इनमें कैल्शियम, सेलेनियम, आयरन, फास्फोरस, मैग्नीशियम और मैंगनीज जैसे खनिज की प्रचुर मात्रा होती है. इसके साथ ही विटामिन बी, प्रोटीन और फाइबर की भी मात्रा खूब पाई जाती है. सरसों के बीज में फाइटोन्यूट्रिएंट्स भी होते हैं जो एक तरह का एंटीऑक्सीडेंट है और यह हमें कैंसर से बचाते हैं, खासकर के इंटेस्टाइन से संबंधित कैंसर से, इनमें. anti-inflammatory गुण भी होते हैं, जो गठिया जैसी बीमारियों के साथ-साथ त्वचा रोगों को भी नियंत्रण में रखते हैं, सरसों के बीज एंटी बैक्टीरियल एंटी फंगल होने के कारण स्वास्थ्य ठीक रखते हैं.
सरसों के दाने के फायदे
अस्थमा: सरसों में मौजूद औषधीय गुण अस्थमा में फायदेमंद हो सकते हैं. एक स्टडी के मुताबिक सरसों के बीच में साइनपाइन नामक कार्बनिक यौगिक पाया जाता है, ये मांसपेशियों की सक्रियता और फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाकर स्थिति के विपरीत कार्य को रोकने में मदद करता है.
माइग्रेन का खतरा कम करे: सरसो के बीच में राइबोफ्लेविन नामक विटामिन मौजूद होता है, जो माइग्रेन के खतरे को कम कर सकता है.
मेटाबॉलिज्म बूस्ट करे :डॉक्टर्स के मुताबिक सरसों के बीज या राई पाचन क्रिया में मदद करते हैं और मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देते हैं,इससे कब्ज डायरिया जैसी समस्या ठीक हो सकती है.
डायबिटीज कंट्रोल करे: शोध में पाया गया है कि काले सरसो के बीच में हाइपोग्लाइसेमिक और एंडीडायबिटिक गुण पाए जाते हैं, जो रक्त में मौजूद ग्लूकोज के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं. काले सरसों के बीज टाइप 2 डायबिटीज की समस्या में आराम पहुंताने का काम कर सकते हैं.
दिल को सवस्थ रखे: अगर आप थोड़ा सा सरसों के बीजों को चबाकर खाते हैं तो इसे दिल स्वास्थ्य रहता है इससे आर्टिरीज चौड़ी होती है इनमें ब्लॉकेज नहीं होती है हार्ट डिजीज जैसे हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट होने का रिस्क कम होता है.
सर्दी जुखाम में मददगार: अगर सर्दी जुकाम है तो इन बीजों को चबाकर खाएं, यह सीने में कफ के कारण कंजेशन को भी कम करते हैं.
बुखार कम करे:बुखार कम नहीं हो रहा हो तो सरसों के बीज को चबाकर खाना चाहिए, इससे शरीर से पसीना निकलता है,. जिससे बुखार धीरे-धीरे कम होने लगता है यह शरीर में मौजूद हानिकारक पदार्थों को भी बाहर निकालता है
दाद और खुजली दूर करे: सरसों के दाने से दाद खाज खुजली भी ठीक हो सकती है,सरसों के बीजों को पानी में फुला लें और इसे चबाकर खाएं. आप इसका पेस्ट बनाकर दाद खुजली वाली जगह पर भी लगा सकते हैं
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