जानिए,शिमला मिर्च खाने के हैं कई फायदे, कैंसर तक से लड़ने में है मददगार

कई लोग अक्सर अपने खाने से शिमला मिर्च को बाहर निकालकर अलग कर देते हैं. शायद आप भी उनमें से एक होंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस सब्जी को आप भाव नहीं देते हैं, वो आपको कितने फायदे पहुंचा सकता है. शिमला मिर्च नाइटशेड फैमिली का ही एक हिस्सा है, जिसमें आलू, टमाटर और बैंगन शामिल हैं.

शिमला मिर्च पीली, हरी और लाल रंगों में आती है. मिर्च में तीखेपन को कंट्रोल करने के लिए जाना जाने वाला ‘कैप्साइसिन’ शिमला मिर्च में कम मात्रा में पाया जाता है. यही वजह है कि शिमला मिर्च में तीखापन नहीं होता. इन्हें मीठी मिर्च के रूप में जाना जाता है.

शिमला मिर्च में दो कैरोटेनॉयड्स उच्च मात्रा में पाए जाते हैं. ये आंखों में मैक्युलर डीजेनेरेशन के खतरे को कम करते हैं.

शिमला मिर्च फ्लेवोनोइड्स सहित एंटीऑक्सिडेंट का एक अच्छा सोर्स होते हैं. ये शरीर में ऑक्सीडेटिव डैमेज से सुरक्षा प्रदान करते हैं. शिमला मिर्च के गाढ़े लाल रंग के लिए जिम्मेदार कैप्सैन्थिन एक पॉवरफुल एंटीऑक्सीडेंट है, जो स्किन को UVA और UVB डैमेज से बचाता है.

शिमला मिर्च में कई जरूरी विटामिन मौजूद होते हैं. ये दोनों विटामिन बीमारी के खतरे को कम करने के अलावा, इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. एंटीऑक्सिडेंट लाइकोपीन के साथ विटामिन A और C फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान को रोककर दिल को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं. शिमला मिर्च में विटामिन B6 और फोलेट भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो होमोसिस्टीन के लेवल को कम करने में हेल्पद करते हैं.

एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट गुणों से भरपूर होने की वजह से शिमला मिर्च कैंसर से लड़ने में मददगार है. इसमें कैंसर से लड़ने वाले कई एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जैसे-एपिजेनिन, ल्यूटोलिन, ल्यूपोल, क्वेरसेटिन और कैप्सिएट, लाइकोपीन, बीटा-क्रिप्टोक्सैंथिन और बीटा-कैरोटीन जैसे कैरोटीनॉयड आदि.

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