भारत में मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल सदियों से किया जाता रहा है. आजकल इसकी जगह स्टेनलेस स्टील और एलुमिनियम के बर्तनों ने ले ली है. अब मिट्टी के बर्तनों के नाम पर लोग सिर्फ घड़े का इस्तेमाल करते हैं, वो भी सिर्फ पानी पीने के लिए. हालांकि क्या आप जानते हैं कि खाना पकाने के लिए मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल करना सबसे सेफ माना जाता है. मिट्टी के बर्तनों में कोई हार्मफुल केमिकल नहीं होता है. हालांकि इसमें खाना बनाते वक्त आपको कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए.आइये जानते है.
मिट्टी के बर्तन का इस्तेमाल करने से पहले इसको कुछ घंटों के लिए पानी में भिगोकर रख दें. ऐसा इसलिए क्योंकि मिट्टी के बर्तन झरझरे होते हैं. पानी में भिगोकर रखने से इनमें नमी बनी रहेगी. खाना बनाते के लिए बर्तन को पानी से बाहर निकाल कर साफ कपड़े से पोंछ लें. फिर इसमें पानी भरकर कम आंच पर गैस पर रख दें. इसके बाद 2 मिनट तक गर्म होने के बाद पानी को फेंक दें.
आजकल घर में इस्तेमाल होने वाले स्टील और एलुमिनियम के बर्तनों में खाना तेज आंच पर पकाया जाता है. जबकि आपको ऐसा मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाते वक्त बिल्कुल नहीं करना है. मिट्टी के बर्तन में खाना हमेशा धीमी या मध्यम आंच पर पकाया जाना चाहिए. धीमी आंच पर खाना पकाने से खाना स्वादिष्ट बनने के साथ-साथ अच्छे से पक जाएगा.
मिट्टी के बर्तन में खाना बनाते वक्त आपको एक और बात ध्यान में रखनी है. मिट्टी के बर्तन में बनने वाले भोजन को हिलाने के लिए लकड़ी या सिलिकॉन के कलछुल का इस्तेमाल करें. क्योंकि मेटल के कलछुल से बर्तन को नुकसान पहुंच सकता है.
मिट्टी के बर्तन को साबुन और सॉफ्ट स्क्रबर की मदद से धीरे-धीरे साफ करें. इसे धोते ववक्त सावधानी बरतें. क्योंकि गलत तरीके से धोने पर या ज्यादा रगड़ने पर ये टूट सकते हैं. मिट्टी के बर्तनों को हल्के हाथों से रगड़ा जाना चाहिए.
यह भी पढे –