पिछले 10 सालों में मुंह के कैंसर के मामलों में एक तिहाई से ज्यादा की बढ़ोतरी देखी गई है. कैंसर के लक्षणों को जानना और उसकी जल्द से जल्द जांच कराना बहुत जरूरी है. ओरल हेल्थ फाउंडेशन द्वारा पब्लिश एक रिसर्च के मुताबिक, ब्रिटेन में साल 2021 में 8864 लोगों में इस बीमारी का पता चला था. ये आंकड़ा 10 साल पहले की तुलना में 36 प्रतिशत ज्यादा था. जबकि एक साल के अंदर ही अंदर इस बीमारी की मुश्किलों के चलते 3034 लोगों मौत हो गई थी.
ओरल हेल्थ फाउंडेशन के चीफ एग्जीक्यूटिव डॉ. निगेल कार्टर ने कहा कि स्मोकिंग करने और ज्यादा शराब पीने से इन मामलों में बढ़ोतरी हो रही है. मुंह के कैंसर के आसपास का स्टिग्मा बदल गया है. ये अब एक कैंसर है, जो किसी को भी प्रभावित कर सकता है. मुंह के कैंसर का बुरा प्रभाव पीड़ित व्यक्ति के जीवन पर पड़ सकता है. यह किसी के बोलने के तरीकों में बदलाव ला सकता है.
कैंसर को पहचानने का सबसे आसान तरीका यही है कि आपको अगर कभी-भी अपने शरीर में कुछ भी असामान्य लगे तो बिल्कुल देर न करें और तुरंत डॉक्टर के पास जाकर अपनी जांच कराएं.
नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) के मुताबिक, मुंह में कैंसर तब होता है, जब ट्यूमर जीभ की सरफेस, गालों के अंदर, होंठ या मसूड़ों पर दिखाई देने लगता है. कई बार ये छोटी सी गांठ के रूप में पकड़ में आ सकता है.
मुंह के दर्दनाक छाले, जो काफी हफ्तों के बाद भी ठीक नहीं हो रहे
मुंह या गर्दन में लगातार गांठ का बनना
दांतों का ढीला होना या सॉकेट, जो एक्सट्रैक्शन के बाद ठीक नहीं होते
होंठ या जीभ का सुन्न पड़ जाना
मुंह या जीभ की सरफेस पर सफेद धब्बे या लाल धब्बे दिखाई देना
आपके बोलने के तरीके में बदलाव होना, जैसे तुतलाहट का अचानक बढ़ना
अगर आप इनमें से कोई भी लक्षण अपने मुंह के अंदर महसूस कर रहे हैं तो इसे नजरअंदाज ना करें. तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और जांच कराएं. मुंह के कैंसर की समस्या आमौतर पर धूम्रपान करने से, शराब पीने से या तंबाकू खाने से होती है. हालांकि कई बार यह बीमारी इन आदतों से दूर रहने वालों में भी देखी जाती है. मुंह के कैंसर का 3 तरीके से इलाज किया जाता है, पहला- सर्जरी से कैंसर की कोशिकाओं को हटाना, दूसरा- रेडियोथेरेपी और तीसरा- कीमोथेरेपी.
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