बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल और फिजिकल एक्टिविटी कम होने के कारण डायबिटीज के मामले दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिस पर नियंत्रण तो किया जा सकता है लेकिन इसे जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता है.
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाने के चलते डायबिटीज होती है. इसके अलावा बढ़ता वजन भी डायबिटीज का कारण बनता है. ब्लड शुगर को नार्मल करने में डाइट की अहम भूमिका होती है. इससे बचने के लिए खाने में शुगर और कार्ब्स की मात्रा को कम कर देनी चाहिए. साथ ही एक्सरसाइज करने से हम स्वस्थ रह सकते हैं.
एक्सपर्ट्स की मानें तो डायबिटीज जेनेटिक भी हो सकती है. डायबिटीज को खत्म तो नहीं लेकिन इसे कंट्रोल जरूर किया जा सकता है. अगर आपको धूम्रपान करने की लत है और आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ रहा है तो इसे नियंत्रित करने के लिए आपको धूम्रपान करना छोड़ना होगा. धूम्रपान से हमें कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं.
टाइप 1 डायबिटीज – टाइप 1 डायबिटीज होने पर इंसुलिन नहीं बनता है. इसे ऑटो इम्यून डिसआर्डर भी कहा जाता है जिसमें शरीर की श्वेत रक्त कोशिकाएं अग्नाशय की इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को ही नष्ट कर देती हैं, जिससे इंसुलिन का निर्माण नहीं हो पाता है.
टाइप 2 डायबिटीज – टाइप 2 डायबिटीज में या तो इंसुलिन कम बनता है या इसका इस्तेमाल कम होता है. शरीर में इंसुलिन की ज्यादा मात्रा के कारण अग्न्याशय इंसुलिन नहीं बनता है.
ज्यादा प्यास लगना
हाथ-पैरों में झनझनाहट महसूस होना
बेहद जल्द थकावट होना
धुंधला दिखाई देना
बार-बार टॉयलेट जाना
क्यों होती है डायबिटीज?
अधिक मोटापा
ब्लड वेसल्स रोग
परिवार में अगर किसी के टाइप 2 डायबिटीज है या रह चुकी है तो डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है
हाई ब्लड प्रेशर एंड हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल
गर्भावस्था में रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ना
खान पान ठीक न होना
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