गर्दन का दर्द आम तौर पर मांसपेशियों, स्नायुओं, या स्पाइन के किसी अंग में होने वाली समस्याओं से हो सकता है। हालांकि, कई बार गंभीर बीमारियों के संकेत के रूप में यह दर्द भी प्रकट हो सकता है। आज हम आपको बताएँगे गर्दन के दर्द का कारण और बचाव के तरीके।
कारण:
गलत पोस्चर और बैठने का तरीका: गलत पोस्चर और लंबे समय तक बैठे रहने से, विशेष रूप से कंप्यूटर या मोबाइल के सामने, गर्दन में तनाव हो सकता है जो दर्द का कारण बन सकता है।
गर्दन में चोट या चोट का पूर्वजन्म: गर्दन में चोट, चोट का पूर्वजन्म या दबाव गर्दन की संरचनाओं को प्रभावित कर सकता है और दर्द का कारण बन सकता है।
मांसपेशियों के दर्द: मांसपेशियों के दर्द का कारण भी गर्दन के दर्द हो सकता है।
स्पाइनल ऑस्टियोपोरोसिस: यह एक हड्डी की कमजोरी का रोग है, जिससे गर्दन दर्द हो सकता है।
चोट: यह चोट के कारण होने वाला गर्दन का दर्द हो सकता है, जो अचानकी गति के बदलाव के कारण होता है।
बचाव:
सही पोस्चर: सीधे और समय-समय पर पोस्चर को बदलने से गर्दन के दर्द को कम किया जा सकता है।
नियमित व्यायाम: गर्दन की मांसपेशियों को मजबूत और लचीला बनाए रखने के लिए नियमित व्यायाम करना उपयुक्त होता है।
सही बैठावन: लंबे समय तक बैठे रहने से बचें और समय-समय पर आराम के लिए गर्दन को साइडवेज करें।
गर्दन के लिए सही तकिया: सही तकिया का उपयोग करके गर्दन को सही समर्थन प्रदान करें।
गरम पनि से सेकना: गर्दन को गर्मी प्रदान करने के लिए हॉट पैक या गर्म तेल का उपयोग करें। यह गर्दन के मांसपेशियों को आराम प्रदान कर सकता है।
यदि गर्दन का दर्द गंभीर है या लंबे समय तक बना रहता है, तो डॉक्टर की सलाह लेना बेहतर होगा। वे आपको सही उपचार और चिकित्सा परामर्श प्रदान कर सकते हैं।
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