आजकल कम उम्र के युवा और युवती भी डायबिटीज के शिकार होने लगे हैं. हाल ही में कुछ केस ऐसे आए हैं, जिनमें 20 साल की उम्र में ही टाइप-2 डायबिटीज पाए गए हैं. आमतौर पर इस टाइप की डायबिटीज 40 साल के बाद ही होती है लेकिन अब कम उम्र के युवाओं को भी यह अपना शिकार बना रही है, जो चिंता का विषय है. इसके एक नहीं कई कारण है.
30 साल से कम उम्र में डायबिटीज के केस बढ़े हैं
पिछले 20 सालों में पाया गया है कि 30 साल से कम उम्र के लोगों में टाइप-2 डायबिटीज के केस दोगुनी तेजी से बढ़े हैं. इसकी वजह से युवाओं के हार्ट, लिवर और आंखों में परेशानी देखी गई है. दुनियाभर में इस आयु वर्ग में हर साल करीब 4 लाख लोगों की मौत भी अप्रत्यक्ष तौर से डायबिटीज की वजह से हो रही है। आइए जानते हैं कम उम्र में डायबिटीज होने का आखिर कारण क्या है…
कम उम्र में टाइप-2 डायबिटीज का कारण
जब पैंक्रियाज इंसुलिन बनाना बंद कर देता है
एंडोक्राइनोलॉजिस्ट के मुताबिक, शरीर में पैंक्रियाज होता है, जब यह इंसुलिन बनाना बंद कर देता है, तब टाइप-2 डायबिटीज होती है. इस बीमारी में जरूरत के हिसाब से इंसुलिन कम मात्रा में बन पाता है, जिसकी वजह से शुगर सेल्स की बजाय ब्लड में जाने लगती है और ब्लड में शुगर लेवल बढ़ जाता है.
मोटापा भी वजह
टाइप-2 डायबिटीज होने में बड़ा फैक्टर मोटापा भी होता है. शरीर का वजन बढ़ने पर टिश्यू में फैट की मात्रा बढ़ सकती है. इसकी वजह से इंसुलिन के प्रति रेजिस्टेंस हो सकता है. हालांकि, हर केस में ऐसा नहीं होता है लेकिन मोटापा टाइप-2 डायबिटीज का एक बड़ा खतरा हो सकता है.
एक्सरसाइज से दूरी
अगर रोज एक्सरसाइज न किया जाए तो शरीर के मसल्स कमजोर होने लगते हैं और वेट बढ़ने लगता है. इसकी वजह से डायबिटीज बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए वर्कआउट रूटीन का हिस्सा होना चाहिए.
जेनेटिक वजह
परिवार में किसी के डायबिटीज होने से दूसरी पीढ़ी में भी यह पहुंच सकता है. मतलब डायबिटीज का कारण जेनेटिक भी हो सकता है. इसलिए सेहत का पूरी तरह ख्याल रखना चाहिए.
डायबिटीज से बचने के लिए क्या करें
सही डाइट ले, खानपान पर विशेष ध्यान दें.
हर दिन एक्सरसाइज करें.
बीपी कंट्रोल में रखें.
शरीर का वजन न बढ़ने दें.
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