खाने-पीने की एक जैसी चीजों को लेकर अक्सर कंफ्यूजन रहता है. लोगों को लगता है कि दोनों चीजें एक जैसी हैं तो दोनों के फायदे और नुकसान भी एक ही जैसे होंगे. कई लोगों इसको नहीं मानते हैं. ऐसे में इस बात को लेकर अक्सर बहस हो जाती है. गुड़ और चीनी का मुद्दा भी इन्हीं में से एक है. चूंकि गुड़ और चीनी बनती तो एक ही चीज से है लेकिन दोनों के बनाने में अंतर है.
आमतौर पर गर्मियों में चीनी और सर्दियों में गुड़ का सेवन करने की सलाह दी जाती है. सर्दियों में गुड़ से कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं तो गर्मियों में शरबत का काम बिना चीनी हो ही नहीं सकता. फिर बेहतर क्या है. इसी कंफ्यूजन को दूर करने के लिए एक्सपर्ट की राय जानना बहुत जरूरी है.
गुड़ और चीनी दोनों गन्ने के रस से बनती है. हालांकि बनाने में दोनों की प्रोसेसिंग अलग है. जहां तक फायदे की बात है तो निश्चित रूप से गुड़ के फायदे चीनी से ज्यादा हैं. गुड़ पूरी तरह से कुदरती चीज है जो कुदरती तरीके से बना है जबकि चीनी में ब्लीचिंग का इस्तेमाल किया जाता है जिससे चीनी में केमिकल्स आ जाते हैं. यानी चीनी को बनाने के लिए कई तरह के केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन गुड़ को चीनी की तरह नहीं बनाया जाता.
इसे साधारण तरीके से चूल्हे पर बनाया जाता है. यही कारण है कि एनीमिया यानी खून की कमी की समस्या में गुड़ बहुत फायदेमंद होता है, क्योंकि इसमें आयरन, पोटैशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, जिंक और सेलेनियम की मात्रा ज्यादा होती है.
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