हमारे देश में चाय पीने के शौकीन लोग लगभग हर घर में रहते हैं. चाय के बारे में कहा जाता है कि अंग्रेज तो सिर्फ ब्लैक-टी लेकर आए थे, हमने इसमें दूध मिलाकर चाय का भारतीयकरण कर दिया. हो भी क्यों ना, हम इंडियावाले हर उस चीज को अपने रंग में ढाल लेते हैं, जो हमें भा जाती है. अब चाय की दीवानगी तो लोगों के सिर चढ़कर बोलती है. तभी तो एक अनुमान के मुताबिक करीब 69 प्रतिशत भारतीयों के दिन की शुरुआत चाय पीकर होती है.
ये बात ज्यादातर लोग जानते हैं कि चाय में कैफीन पाया जाता है. और कैफीन पर हुई अलग-अलग रिसर्च में यह बात सामने आई है कि चाय के रूप में कैफीन का सेवन यदि रात को सोने से 10 घंटे पहले किया जाए तो चाय बॉडी के लिए एनर्जी बूस्टर की तरह काम करती है और किसी हेल्थ ड्रिंक जैसे फायदे शरीर को पहुंचाती है.
सोने से 10 घंटे पहले चाय पी जाए तो नींद अच्छी आती है
बॉडी में इंटरनल स्वेलिंग की समस्या कम होती है.
नेगेटिविटी और उदासी दूर रहती है क्योंकि कॉर्टिसोल हॉर्मोन का लेवल कम रहता है.
पाचन अच्छा रहता है और कब्ज की समस्या नहीं होती.
ब्रेन शांत रहता है और स्ट्रेस हावी नहीं हो पाता है.
लिवर ठीक रहता है और भूख समय पर लगती है.
क्या है चाय पीने का बेस्ट टाइम?
जैसा कि आपको ऊपर बताया जा चुका है कि चाय पीने का सबसे अच्छा समय है, सोने से 10 घंटे पहले. अब आप अपने हिसाब से देख लें कि आप किस समय सोते हैं और काउंट कर लें कि 10 घंटे पहले यानी कितने बजे डेली चाय पीना आपके लिए अच्छा है.
हालांकि अगर आप समय के पाबंद हैं और हेल्थ का पूरा ध्यान रखते हैं तो माना जाता है कि आप 10 बजे तक सोने चले जाते होंगे.
शाम को चाय पीना हर किसी के लिए नुकसानदायक नहीं होता है. क्योंकि कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिनके लिए शाम की चाय वरदान की तरह होती है. जैसे, नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोग! इनके साथ ही और कुछ लोग भी शाम की चाय का आनंद बिना किसी हेल्थ इश्यू की चिंता किए उठा सकते हैं…
जिन्हें हर दिन शाम को चाय पीने की लत ना हो
जिन्हें एसिडिटी की समस्या ना रहती हो
जिन्हें नींद संबंधी कोई समस्या ना हो
जिन लोगों का डायजेशन सिस्टम बहुत अच्छा हो
जो लोग समय पर खाना खाते हैं
जिन लोगों को कब्ज की कोई समस्या ना हो
और वे लोग भी शाम की चाय का आनंद ले सकते हैं, जो आधा कप या इससे भी कम चाय पीना पसंद करते हैं.
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