अक्सर आपने सुना होगा कि अच्छा डाइट वही है जिसमें फलभी शामिल है. डाइट में फलों को शामिल करना एक हेल्दी लाइफ़स्टाइल की निशानी रही है. कहावत भी खूब सुनी होगी कि एन एप्पल ए डे कीप ए डॉक्टर अवे….लेकिन क्या आप जानते हैं कि ज्यादा फल खाने से आप बीमार पड़ सकते हैं. एक स्टडी में इस बात को लेकर खुलासा हुआ है. फल में जो नेचुरल शुगर होते हैं जिसे फ्रुक्टोज के नाम से जाना जाता है वो सेहत की दृष्टि से फायदेमंद नहीं है.
तरबूज, आम, अनानास और लीची जैसे कई फल मौजूद हैं जो शुगर को बढ़ा सकते हैं. इन फलों में शामिल फ्रुक्टोज, शुगर को लेवल को बढ़ाने का काम करता है, इसलिए डायबिटीज के मरीज को इस तरह के फलों का सेवन नहीं करना चाहिए.
जिन लोगों को ऐसा लगता है कि फल खाने से वेट लॉस होता है और वो डाइट में भर-भर कर फल खाते हैं तो उन्हें ऐसा भारी भी पड़ सकता है. क्योंकि ज्यादा मीठे फलों में फ्रुक्टोज की मात्रा अधिक होती है. यह वेट लॉस में नहीं बल्कि यह वेट बढ़ाने में मदद करते हैं और ये जानकारी नहीं होने के चलते लोग ओबेसिटी का शिकार हो सकते हैं.
दिमाग पर बुरा असर पड़ सकता है. फल भूख को शांत कर सकते हैं लेकिन दिमाग की गर्मी बढ़ा देते हैं. ज्यादा फ्रुक्टोज के कारण न्यूरोइन्फ्लेमेशन ब्रेन माइटोकांड्रियल डिसइन्फेक्शन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस जैसी परेशानी हो सकती है. कोशिश करें कि फल को सीमित मात्रा में ही खाएं..
ज्यादा फलों के सेवन से लीवर पर भी उल्टा प्रभाव पड़ सकता है. लिवर पर फैट जमने लगता है इस दिक्कत को मेडिकल भाषा में नॉन एल्कोहलिक फैटी लीवर के नाम से जाना जाता है.
फलों में मौजूद फ्रुक्टोज यूरिक एसिड को बढ़ा देती है जिससे अर्थराइटिस और किडनी से जुड़ी समस्या बढ़ जाती है..
एक रिसर्च में पाया गया है कि फ्रुक्टोज की हाई डाइट इम्यूनिटी सिस्टम की पूरी प्रक्रिया को उधर पुथल कर देती है. इस कारण इम्यून ज्यादा उत्तेजित या सक्रिय हो जाता है और यह अपना काम सही से नहीं करता है.
फ्रुक्टोज एक नेचुरल शुगर है जो हर फलों में पाया जाता है.कुछ में कम, कुछ में ज्यादा. गन्ना, चुकंदर मक्का, सेब,केला,अंगूर नाशपाती, खुबानी,तरबूज, चेरी, आम, स्ट्रौबरी इन सभी फलों में फ्रुक्टोज की मात्रा पाई जाती है. ये आप पर निर्भर करता है कि आपको इसे सीमित मात्रा में लेना है और खुद को स्वस्थ रखना है.
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