बालों का सफेद होना या कहें ग्रे होना आमतौर पर बूढ़े होने का संकेत होता है. उम्र के बढ़ने के साथ ही बालों का रंग काले से सफेद होने लगता है. हालांकि, जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है. वैसे-वैसे पिगमेंट सेल्स यानी वो कोशिका, जो हमारे बालों को उसका रंग देने का काम करती है. वह खत्म होने लगती है. इसका मतलब ये होता है कि हमारे बाल तो बड़े होते हैं, लेकिन उसमें पहले वाला रंग नहीं होता है.
विटामिन बी 12 की कमी समय से पहले सफेद होने वाले बालों के सबसे सामान्य वजहों में से एक है. स्टडी में पाया गया है कि बी 12 सप्लीमेंट लेने से हाई होमोसिस्टीन लेवल कम हो जाता है (जिसकी वजह से बाल झड़ सकते हैं) और समय से पहले बालों को सफेद होने से रोकता है.
वॉन रेक्लिंगहॉसन रोग के रूप में जाने जाने वाला न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस एक ऐसी स्थिति है, जो इंसान की नसों के पास ट्यूमर बढ़ने की वजह बनती है. इस बीमारी से पीड़ित लोगों के पूरे शरीर पर अलग-अलग आकार और आकार के धब्बे होते हैं. लेकिन कुछ लोगों को अपने बालों का रंग उड़ता हुआ भी दिखाई देता है.
थायराइड की वजह से होने वाले हार्मोनल बदलाव के चलते भी समय से पहले बाल सफेद होने लगते हैं. आपके थायराइड का स्वास्थ्य आपके बालों के रंग को भी प्रभावित करता है. एक अति सक्रिय या कम सक्रिय थायराइड आपके शरीर को कम मेलेनिन पैदा करने की वजह बनता है.
ऑटोइम्यून बीमारी की वजह से भी समय से पहले बाल सफेद हो सकते हैं. इस दौरान आपका शरीर भीतर से खुद पर ही अटैक करने लगता है. एलोपेशिया की वजह से हमारा इम्यून सिस्टम हमारे बालों पर हमला कर सकता है, जिसकी वजह से पिगमेंट खत्म हो सकते हैं. एलोपेशिया की वजह से ही लोग गंजेपन का शिकार होते हैं.
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