डायबिटीज, हाइपरटेंशन लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी हैं. लोग डाइट सुधारकर, योगा, एक्सरसाइज से इन बीमारियों पर काबू पा लेते हैं. चीनी का प्रयोग किसी भी खाने या पेय पदार्थ में मिठास लाने के तौर पर किया जाता है. मीठे से जायका बढ़ता है. फीका खाना हर कोई पसंद नहीं करता है. डॉक्टर चीनी के इस्तेमाल को बॉडी के लिए काफी हद तक जरूरी मानते हैं. लेकिन इसका अधिक सेवन बॉडी को नुकसान पहुंचा सकता है. कई गंभीर बीमारियों तक को यह न्यौता देता है.
चीनी को कैलोरी का फुल ऑफ सोर्स माना जाता है यानि चीनी में कैलोरी बहुत अधिक होती है. चीनी का अधिक प्रयोग करने वाले लोगों में वजन बहुत तेजी से बढ़ता है. कैलोरी अधिक मिलती है. इसलिए भूख उतनी नहीं लगती है. आपने देखा होगा कि अधिक चाय पीने वाले लोग अकसर कम खाना खाते हैं.
डॉक्टरों का कहना है कि चीनी कम खाने के फायदे हैं. दरअसल, ब्लड में जाने के बाद चीनी ग्लूकोज में बदल जाती है. इससे व्यक्ति कुछ समय के लिए एनर्जेटिक महसूस करता है. इसका थोड़ा बहुत सेवन नुकसान नहीं पहुंचाता है. जबकि इसका अधिक सेवन बहुत अधिक नुकसान करता है. अधिक चीनी खाने से ब्लड में शर्करा बढ़ने का खतरा रहता है. इससे डाइबिटीज टाइप टू होने की संभावना रहती है.
डॉक्टरों का कहना है कि बहुत सारे लोगों का शुगर लेवल अधिक रहता है. वो जैसे ही चीनी खाते हैं तो उन्हें थकावट, कमजोरी महसूस होने लगती है. चीनी बंद करने का लाभ यह होगा कि ब्लड में शर्करा का लेवल घटेगा और व्यक्ति खुद को पहले से अधिक एनर्जेटिक महसूस करेगा.
चीनी बंद करने का असर बॉडी पर देखने को मिलता है. डॉक्टरों का कहना है कि चीनी के कम सेवन से बॉडी में इंफ्लामेशन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम होता है. हाइ ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और दिल से जुड़ी बीमारियां का खतरा बहुत कम हो जाता है. जो लोग अधिक चीनी खाते हैं. उनकी आंतों को नुकसान होने लगता है. आंतों में गट बैक्टीरिया बॉडी के फायदे के लिए होते हैं. लेकिन चीनी अधिक खाने से इनकी संख्या घटने लगती हैं. इससे कब्ज, संक्रमण और पेट संबंधित अन्य समस्याएं शुरू होने लगती हैं.
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