मोदी सरकार में मंत्री स्मृति ईरानी राजनीति की दुनिया का चमकता सितारा हैं. अपने बेबाक अंदाज की वजह से वह सुर्खियों में बनी रहता हैं. सियासत में एंट्री से पहले उन्होंने एक्टिंग की दुनिया में भी खूब नाम कमाया है. आज भी लोगों की नजरों में उनकी छवि एक परफेक्ट बहू की है.
स्मृति का जन्म साल 1976 में दिल्ली में हुआ था. उनके पिता पंजाबी और मां असम की हैं. उनके पिता कुरियर कंपनी चलाते थे. स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद स्मृति ने कॉरेस्पॉन्डेंस से बीकॉम में दाखिला लिया, लेकिन यह कोर्स वह पूरा न कर सकीं. परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से उन्होंने अपने पिता की मदद करने की सोची. उन्होंने वेट्रेस तक का काम किया और बाद में, ब्यूटी प्रोडक्ट की मार्केटिंग भी की. इस दौरान उन्हें किसी ने मुंबई जाकर किस्मत आजमाने का सुझाव दिया. इसके बाद उन्होंने अपने सपनों को साकार करने के लिए मायानगरी का रुख कर लिया.
सपनों के शहर में संघर्ष करते हुए उन्होंने साल 1998 में मिस इंडिया का ऑडिशन दिया और उनका चयन हो गया. इस फैसले पर पिता सहमत नहीं थे, लेकिन स्मृति को उनकी मां का साथ मिला. उन्होंने अपनी बेटी को पैसों का इंतजाम करके दिया. इस प्रतियोगिता में स्मृति ने फाइनल तक अपनी जगह बनाई, लेकिन जीत हासिल नहीं कर सकीं. इसके बाद भी लगातार ऑडिशन देती रहीं. एक्टिंग में उन्हें सबसे बड़ा ब्रेक एकता कपूर ने दिया. साल 2000 में उन्हें क्योंकि सास भी कभी बहू थी में लीड रोल मिल गया.
देशभर में फेमस होने के बाद साल 2003 में उन्होंने भाजपा जॉइन कर ली. इसके बाद वह राजनीति की दुनिया में लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ती चली गई. उन्हें अगले ही साल उन्हें पार्टी ने महिला विंग का उपाध्यक्ष बना दिया. इसके बाद उन्हें साल 2010 में महिला विंग का अध्यक्ष और भाजपा का राष्ट्रीय सचिव बना दिया गया. 2014 के लोकसभा के चुनाव में पार्टी ने उन्हें राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी में चुनावी मैदान में उतारा. हालांकि, यह चुनाव वह हार गईं. पांच साल बाद हुए 2019 के चुनाव में उन्होंने दोबारा इस सीट से अपनी किस्मत आजमाई और राहुल गांधी को भारी मतों से हरा दिया.
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