जानिए कैसी होनी चाहिए ब्रेस्टफीड कराने वाली महिलाओं का डेली डायट

महिलाएं जब अपने बच्चे को ब्रेस्टफीड कराती हैं, तब जो कुछ वे खुद खाती हैं, उसका सीधा असर बच्चे की सेहत पर पड़ता है. इतना ही नहीं यदि ब्रेस्टफीड कराने वाली मां किसी संक्रामक रोग यानी इंफेक्शियस डिजीज की चपेट में आ जाए तब तो बच्चे को खतरा रहता ही है लेकिन यदि महिला की खुद की बॉडी में ठंड बैठ जाए तो इसका असर भी बच्चे को होता है.

आप इस बात को ऐसे समझ सकते है कि जब किसी इंसान को कोल्ड होने के कारण छींक आना, रनिंग नोज या खांसी की समस्या हो जाती है, तब तो लोग उससे संक्रमित होते ही हैं और यह बात ब्रेस्टफीड कराने वाली महिला और बेबी पर भी लागू होती है. लेकिन जब कोल्ड होने के कारण शरीर में ये सब लक्षण नहीं आते हैं और ठंड सिर्फ शरीर में बैठ जाती है, जिससे सीने में दर्द, कंजेशन, कंपकंपी आना जैसी समस्याएं होती हैं, तब भी इसका असर ब्रेस्टफीड कराने वाली मां के बच्चे पर हो सकता है.

सौफ
ब्रेस्टफीड कराने वाली माओं को हर दिन सौंफ खानी चाहिए. सौंफ का सेवन आप कई तरीकों से कर सकती हैं. जैसे, भोजन के बाद सौंफ और मिश्री के रूप में, सब्जी में, सौंफ की चाय पीकर. गर्मी के मौसम में आप शरबत बनाकर भी सौंफ का यूज कर सकती हैं.

जीरा
जीरा और इससे बनी चीजें खाने से मिल्क डक्ट्स (Milk ducts) ऐक्टिव होती हैं, जिससे दूध सही मात्रा में बनता है और बच्चे को पूरी डायट मिलती है. यानी जो महिलाएं इस समस्या का सामना कर रही हों कि उन्हें दूध कम बन रहा है तो वे चटनी, दाल, सब्जी, जीरा फंकी और जीरा-टी के रूप में हर दिन जीरे का 2 से 3 चम्मच मात्रा में सेवन करें. आपको लाभ होगा.

तिल
सर्दी का सीजन है, यदि आप डेली लाइफ में तिल, तिल के लड्डू, तिल पपड़ी या सलाद इत्यादि में डालकर तिल का सेवन करेंगी तो शरीर भी गर्म रहेगा और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी. साथ ही बच्चा भी सर्दी में निरोग और स्वस्थ रहेगा.

ड्राई फ्रूट्स
आपको दिन में दो बार ड्राई फ्रूट्स को स्नैक्स के रूप में खाना चाहिए. 10 से 15 बादाम, जिन्हें रात को पानी में भिगोकर रखा गया हो. 2 अखरोट, 8-10 काजू, 10-15 किशमिश और 5-6 पिस्ता का सेवन एक बार में करें. इसके आधा घंटा बाद एक गिलास दूध पिएं.

केला और अंजीर
आमतौर पर महिलाएं बच्चे को कम से कम 6 महीने तक ब्रेस्ट फीडिंग कराती हैं. हालांकि आप इस समय को एक से डेढ़ साल भी कर सकती हैं. लेकिन आप जितने समय तक बच्चे को दूध पिलाएं, केला और अंजीर आपकी डेली डायट का हिस्सा होना चाहिए. अंजीर का सेवन दूध में पकाकर ही करें. एक दिन में एक पीस अंजीर दूध में पकाकर रात को सोने से पहले ले लें.

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