डायबिटीज की समस्या से करोड़ों लोग जूझ रहे हैं. यह बीमारी प्रमुख तौर पर दो तरह की होती है. पहली टाइप 1 डायबिटीज और दूसरी टाइप 2 डायबिटीज. टाइप 1 डायबिटीज के मरीजों के शरीर में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है या बेहद कम मात्रा में बनता है. टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के शरीर में इंसुलिन तो बनता है, लेकिन इंसुलिन रजिस्टेंस की वजह से उसका इस्तेमाल नहीं हो पाता. इन दोनों ही कंडीशन में मरीज का ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है. इस बीमारी से जूझ रहे लोगों को रोज शुगर लेवल चेक करने की सलाह दी जाती है, ताकि इसकी सही तरीके से मॉनिटरिंग की जा सके.
अब सवाल उठता है कि क्या डायबिटीज के मरीजों को रोज ब्लड शुगर चेक करने की जरूरत होती है? अगर हां, तो दिन में कितनी बार शुगर चेक करनी चाहिए और किस वक्त चेक करना सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है. इन सभी सवालों के जवाब डॉक्टर से जान लेते हैं. उनसे यह भी जानेंगे कि डायबिटीज का लेवल कितना होना ठीक माना जा सकता है और किस कंडीशन में लोगों को डॉक्टर से मिलने की जरूरत होती है.
शुगर के मरीजों को दिन में कम से कम 2 बार अपना ब्लड शुगर लेवल चेक करना चाहिए. ब्रेकफास्ट से पहले और लंच या डिनर के 2 घंटे बाद शुगर लेवल चेक करना जरूरी माना जाता है. अगर आप दो बार नहीं कर पा रहे तो कम से कम एक बार शुगर लेवल चेक जरूर करें. खाने से पहले आपका ब्लड शुगर लेवल 100 mg/dL से कम होना चाहिए और खाने के बाद 180 mg/dL से ज्यादा नहीं होना चाहिए. अगर शुगर लेवल इससे ज्यादा है, तो डॉक्टर से मिलकर कंसल्ट करें.
डायबिटीज के जो मरीज इंसुलिन ले रहे हैं, इंसुलिन की डोज लेने से पहले हर बार अपना ब्लड शुगर लेवल चेक करना चाहिए. कुछ लोगों को दिन में 2-3 बार और कुछ लोगों को 4 बार इंसुलिन लेने की सलाह डॉक्टरों द्वारा दी जाती है. आमतौर पर इंसुलिन टाइप 1 डायबिटीज के मरीजों को दी जाती है. टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों का शुगर लेवल कंट्रोल नहीं होता, तब उन्हें भी इंसुलिन की डोज दी जाती है.
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