कच्चे हरे कटहल का आटा अपनी लो-शुगर क्वालिटी की वजह से डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है. हाल ही के एक अध्ययन में यह मालूम चला है कि डायबिटीज के मरीजों की डाइट में हरे कटहल के आटे को शामिल करने से फैटी लिवर की समस्या में सुधार होता है और रोगियों में हीमोग्लोबिन A1c के लेवल में इंप्रूवमेंट भी देखने को मिलती है. इसी को ध्यान में रखते हुए कई हेल्थ एक्सपोर्ट ने डायबिटीज से पीड़ित रोगियों को हरे कटहल के आटे को अपनी डाइट में शामिल करने की सलाह दी है.
डायबिटीज के मरीजों को अपने खानपान का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है. क्योंकि एक गलती की वजह से ब्लड शुगर का लेवल तेजी से बढ़ सकता है और खतरनाक स्तर तक जा सकता है. डायबिटीज पेशेंट की डाइट में सिर्फ 30 ग्राम हरे कटहल के आटे को शामिल करने से ब्लड शुगर के लेवल को कम किया जा सकता है.
अगर आप रेगुलरली हरे कटहल के आटे का सेवन करेंगे तो ग्लाइसेमिक वेरिएबिलिटी सहित कई मेटाबोलिक मापदंडों में आपको फायदा हो सकता है. कुछ मरीजों ने हरे कटहल के आटे का सेवन करने के बाद अपने नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर डिजीज में भी सुधार होने की बात कही है.
30 ग्राम हरे कटहल का आटा 50 ग्राम गेहूं, चावल या फिर बाजरे के आटे की जगह ले सकता है. इतना ही नहीं, 30 ग्राम हरे कटहल के आटे में 50 ग्राम चावल, गेहूं और बाजरे के आटे के मुकाबले ज्यादा सॉल्युबल फाइबर होता है.
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