मुनक्का या किशमिश एक प्रकार से सूखे और रंगीन अंगूर हैं. इसे स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. इतना ही नहीं, मुनक्का को अक्सर पुरानी बीमारी से उबरने वाले लोगों के आहार का हिस्सा भी बनाया जाता है. मुनक्का में कोई फैट नहीं होता है. इसमें कार्बोहाइड्रेट, कैलोरी और प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है. इसके सेवन से आपको कई करिश्माई लाभ देखने को मिल सकते हैं.
मुनक्के में डाइटरी सॉल्यूबल फाइबर मौजूद रहता है, जो आपको ओवरईटिंग करने से रोकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि ये आपके डाइजेशन को स्लो करके भूख को शांत करते हैं. मुनक्के में लेप्टिन नाम का एक फैट-बर्निंग हार्मोन भी होता है, जो आपके वजन को घटाने में मददगार साबित हो सकता है.
मुनक्का में एक कंपाउंड होता है, जिसे रेस्वेराट्रोल कहा जाता है. ये एक एंटीऑक्सिडेंट होता है और सेल्स में होने वाली सूजन पर अंकुश लगाता है. मुनक्का खाने से आपका ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है और खराब कोलेस्ट्रॉल का लेवल भी कम रहता है.
रातभर भिगोए हुए मुनक्के का पानी पीने से एसिडिटी और सीने में जलन से काफी राहत मिलती है. ऐसा इसलिए क्योंकि आयुर्वेद के मुताबिक इसमें पिट्टा-बैलेंसिंग प्रॉपर्टी है. मुनक्के का पेट पर ठंडा प्रभाव रहता है.
मुनक्के आयरन, फोलेट और विटामिन B से भरपूर होते हैं. यही वजह है कि इन्हें खाने से ब्लड में हीमोग्लोबिन के लेवल में सुधार होता है. जिससे महिलाओं में आयरन की कमी से होने वाली बीमारी एनीमिया का इलाज करने में काफी मदद मिलती है.
मुनक्के के सेवन से पुरुषों का स्पर्म काउंट बढ़ सकता है. इतना ही नहीं, इससे उनकी फर्टिलिटी भी बूस्ट हो सकती है. रात में गर्म मुनक्के का दूध पीने से इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या दूर करने में मदद मिलती है.
अगर आपको गठिया या ऑस्टियोआर्थराइटिस है तो मुनक्के आपके लिए एक वरदान साबित हो सकते हैं. क्योंकि ये कई मिनरल्स के भंडार हैं, जैसे- कैल्शियम, फोलेट, मैग्नीशियम और पोटेशियम. ये हड्डी के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करते हैं.
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