हाथ-पैर में झनझनाहट होना बहुत ही कॉमन बीमारी है. लेकिन अगर यह ज्यादा होने लगे तो इसका मतलब है आपका खून गाढ़ा हो गया है. जिसकी वजह से ब्लड का सर्कुलेशन नर्व्स में ठीक ढंग से नहीं हो पा रहा है. यह तब होता है जब कोई व्यक्ति एक्सरसाइज या किसी भी तरह की दूसरी एक्टविटी से बिल्कुल भी दूरी बना लें. यह तब भी हो सकता है जब कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा शराब औऱ धूम्रपान करता हो तो ऐसे में भी शरीर में झनझनाहट शुरू होने लगती है. शरीर में विटामिन बी 12 की कमी से भी हाथ-पैर में झनझनाहट होने लगती है.
हाथ-पैर में झनझनाहट की दिक्कत 60 साल से अधिक उम्र वालों लोगों को ज्यादा होती है. दरअसल, शरीर, विटामिन, कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन जैसे पोषक तत्वों से बना है. इसलिए इन सभी का शरीर में पर्याप्त मांत्रा में होना बेहद जरूरी है.
हाथ-पैर में झनझनाहट होने का कारण हाई ब्लड प्रेशर भी कारण हो सकता है. हाई ब्लड प्रेशर से शुगर औऱ हार्ट ब्लॉकेज की प्रॉब्लम भी शुरू हो सकती है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह आपके शरीर की पहली चेतावनी हो सकती है. जिसे आपको नजर अंदाज नहीं करना चाहिए.
विटामिन बी 12 और ई की कमी के कारण भी हाथ-पैर में झनझनाहट शुरू होने लगती है. अगर आप कोई दवा खा रहे हैं तो साइड इफेक्ट की वजह से भी आपको झनझनाहट की समस्या भी हो सकती है.
थायराइड बढ़ने पर भी आपके हाथ-पैर में झनझनाहट की दिक्कत शुरू हो सकती है. इसलिए समय रहते ही इसकी जांच जरूरी है.
हाथ या पैर के नर्व्स दबने पर भी झनझनहाट शुरू होने लगती है. अगर आपको किसी जानवर ने काट लिया है तो पैर में झनझनाहट की दिक्कत शुरू हो सकती है.
प्रेग्नेंसी के दौरान भी हाथ-पैर में के नसों पर दबाव पड़ता है और फिर बाद में झनझनाहट शुरू होने लगती है. वहीं डिलीवरी के बाद यह प्रॉब्लम खत्म हो जाती है.
हाथ-पैर में झनझनाहट की दिक्कत होने पर समय रहते ही इलाज करवाएं. साथ ही अपने डॉक्टर से भी सलाह लें. सुबह एक्सरसाइज जरूर करें. साथ ही सुबह या शाम के वक्त वॉक पर जरूर निकलें.
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