अर्थराइटिस डेली लाइफ को प्रभावित करता है. अर्थराइटिस से जोड़ों की सूजन, दर्द, जकड़न, जोड़ों को हिलाने में परेशानी हो सकती है. अर्थराइटिस सबसे अधिक घुटनों, कूल्हों, रीढ़ और हाथों को प्रभावित करता है. एक बार जब ज्वाइंट कार्टिलेज डैमेज हो जाती है तो दोबारा वह ठीक नहीं हो सकता. इसलिए यह जरूर देखिए कि जोड़ों की ज्वाइंट कार्टिलेज डेमेज होने से बचाने के लिए कम उम्र में ध्यान रखना चाहिए. महिलाओं में अर्थराइटिस की दिक्कतों की वजह कई हो सकती है. उन्हें सावधान रहने की जरूरत है.
मोटापा बन सकता है अर्थराइटिस की वजह
अर्थराइटिस के पीछे बड़ी वजह मोटापे का होना है. वसा ज्वाइंट पर कई किलों का अतिरिक्त वजन डालता है. अतिरिक्त फैट के कारण कई बार ज्वाइंट कार्टिलेज के परमानेंट डैमेज होने का कारण बनता है. एक हेल्दी बॉडी मास इंडेक्स 18.5 और 24.9 के बीच होता है.
स्मोकिंग से होती है परेशानी
डॉक्टरों का कहना है कि स्मोकिंग ज्वाइंट डैमेज होने खतरों को बढ़ा सकता है. इससे गंभीर अर्थराइटिस की स्थिति पैदा हो सकती है. यदि सर्जरी की जरूरत पड़ रही है तो इससे और अधिक दिक्कतें हो सकती हैैं. स्मोकिंग छोड़ने से अर्थराइटिस की समस्या कम हो सकती हैं.
गलत एक्सरसाइज से हो सकती है अर्थराइटिस
कुछ लोग एक्सरसाइज सही करते हैं. जबकि काफी लोग ऐसे भी होते है, जिन्हें प्रशिक्षण नहीं मिलता तो खराब पॉजीशन से एक्सरसाइज करना शुरू कर देते हैं. खराब पॉश्चर में बैठकर योगा करना भी नुकसानदेह है. डॉक्टरों का कहना है कि लंबे समय तक बैठकर गलत तरीके से आसन में बैठना और योग करना, ज्वाइंट पर अधिक वजन डालता है. इससे यह तेजी से घिसते हैं. बाद में यही प्रॉब्लम गठिया में तब्दील हो जाती है.
अधिक एड़ी की हील करती हैं प्रॉब्लम
अधिक एड़ी की हील या जूते पहनने पर बॉडी का पाश्चर बिगड़ जाता है. लंबे समय तक हील पहनने पर जोड़ों का दर्द बन सकता है. अगर किसी को परेशानी हो रही है तो महिलाओं को इन्हें पहनना तुरंत बंद करना चाहिए.
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