यदि आपकी लाइफ स्टाइल खराब है तो डायबिटीज होने की संभावना उतनी ही अधिक होती है. मसलन जिन लोगों का खानपान सही नहीं रहता है. उन्हें डायबिटीज होने का खतरा अधिक रहता है. जिन लोगोें को मोटापा होता है. वो जल्दी चपेट मेें आते हैं. डायबिटीज होने के बाद खानपान पर नियंत्रण करना बेहद जरूरी होता है.
यदि पेशेंट डायबिटीज होने के बाद सही डाइट नहीं ले रहा है तो इससे बॉडी केे कई आर्गन पर निगेटिव इफेक्ट पड़ने लगता है. उनके डैमेज होने का खतरा बनने लगता है. डायबिटीज से बचाव में करेला बड़ी भूमिका निभाता है. ऐसे मेें शुगर पेशेंट करेले के जूस, सब्जी को डेली डाइट मेें शामिल कर सकते हैं. अब करेला डायबिटीज में कैसे फायदे करता है. यही जानने की कोशिश करते हैं.
जब शरीर के पैन्क्रियाज में इंसुलिन की कमी हो जाती है या फिर पैनक्रियाज इंसुलिन बनाना बिल्कुल ही बंद कर देता है. इंसुलिन का काम ब्लड में शर्करा के लेवल को नियंत्रण करना होता है. इसुलिन कम बनने से ब्लड में शर्करा यानि ग्लूकोज का लेवल बढ़ने लगता है. इसी स्थिति को डायबिटीज कहते हैं. इन्सुलिन की बात करें, तो यह एक तरह का हार्माेन होता है. जो शरीर के भीतर पाचन ग्रंथि से बनता है. अब जानने की कोशिश करते हैं कि डायबिटीज नियंत्रण में करेले का क्या रोल है?
करेला अनेक गुणों से भरपूर होता है जैसे इसमें एंटीबायोटिक, एंटी बैक्टीरियल गुण भी होते है . इसके अलावा इसमें एंटी डायबिटिक्स गुण भी पाए जाते हैं. इसमें मौजूद चरनटीन ब्लड में ग्लूकोज लेवल कम करने का काम करता है. करेले में पॉलीपेप्टाइड-पी या पी-इंसुलिन भी पाया जाता है. ये नेचुरली शुगर को नियंत्रित करने का काम करता है.
आइये जानते है करेले का कैसे करे उपयोग ,करेले का जूस भी बेहद लाभकारी माना जाता है. जूस बनाने के लिए ताज़े करेलों को छील लें. उसके बाद उसे छोटे पीस में काटकर आधे घंटे तक पानी में भिगोकर रखें. बाद में करेले को जूसर में डाल लें. इसमें थोड़ा नींबू का रस और आधा चम्मच नमक भी डाल दें. इसका सेवन कर सकते हैं. इसके अलावा करेले की सब्जी भी बहुत फायदेमंद होती है. सब्जी की विशेष बात ये होती है कि ये कई दिनों तक खराब नहीं होती है.
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