आजकल इंटरमिटेंट फास्टिंग का बहुत क्रेज है. बॉलीवुड सेलिब्रिटी से लेकर आम लोग इस डाइट को फॉलो कर रहे हैं. हाल ही में कॉमेडियन भारती सिंह से लेकर राम कपूर और एक्ट्रेस से नेता बनी स्मृति ईरानी ने भी कुछ इसी तरीके से अपना वजन घटाया है. इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान आपको एक निर्धारित समय के दौरान ही खाना होता है. इसमें कैलोरी नहीं गिनी जाती बल्कि समय गिना जाता है.
लंदन की नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी में कुछ लोगों पर एक रिसर्च किया गया था. जिसके बाद रिसर्च में शामिल सीनियर लेक्चरर इन न्यूट्रीशन एंड एक्सरसाइज फिजियोलॉजी टडेविड क्लेटन ने कहा है कि हाल ही में किए गए अध्ययन में पाया गया है. रुक-रुक कर किया जाने वाला उपवास अन्य डाइटिंग के तरीकों से ज्यादा बेहतर नहीं है. इस रिसर्च में एक साल के दौरान लोगों को अलग-अलग तरह से डाइट पर रखा गया था. जिसमें वैकल्पिक-दिन उपवास यानि आप हर दूसरे दिन उपवास या कैलोरी को काउंट करेंगे. इसके अलावा 5: 2 डाइटिंग यानि सप्ताह में पांच दिन नॉर्मल खाना खाएंगे और 2 दिन कैलोरी कम लेंगे यानि फास्टिंग करेंगे. इसके अलावा एक निर्धारित समय पर ही कैलोरी लेंगे, जैसे आप केवल आठ घंटे के दौरान खाना खाएंगे और बाकी बचे 16 घंटे उपवास करेंगे.
भले ही ये वजन घटाने का आसान तरीका हो, लेकिन इंटरमिटेंट फास्टिंग या फिर फास्टिंग के दूसरे तरीकों से जो वजन कम होता है उसका असर आपकी सेहत पर पड़ता है. इससे मसल्स मास कम होता है जो शरीर को कमजोर बनाता है. लंबे समय तक हेल्दी रहने के लिए हमारा फैट कम होना जरूरी है मसल्स मांस कमजोर होने से परेशानियां होने लगती हैं. इस फास्टिंग से एक्सरसाइज के दौरान आपकी उतनी कैलरी बर्न नहीं होती जितनी होनी चाहिए.
फास्टिंग डाइट में आप जल्दी खाना खाते हैं. अगर आप 4 बजे के बाद ज्यादा कैलोरी इनटेक नहीं करते तो इससे आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है. इससे टाइप-2 डायबिटीज का खतरा कम होता है. दैनिक कैलोरी प्रतिबंध करने से कोलेस्ट्रॉल भी कम होता है. जल्दी खाना खाने से पाचन अच्छा रहता है और पोषक तत्वों को पचाने के लिए अधिक समय मिल पाता है.
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