भारतीय खाने में करीब-करीब हर चीज में टमाटर का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि टमाटर में मौजूद न्यूट्रिएंट्स डायबिटीज को प्रभावी ढंग से मैनेज करने में मदद करते हैं. डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिसॉर्डर है, जो अनहेल्दी लाइफस्टाइल और कई मामलों में अनुवांशिक कारणों से होता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, डाइट, एक्सरसाइज और नींद के सही बैलेंस से डायबिटीज को प्रभावी ढंग से मैनेज किया जा सकता है.
टमाटर में विटामिन सी, पोटैशियम और लाइकोपीन की मात्रा होती है, लाइकोपीन एक एंटीऑक्सीडेंट है जो कोशिकाओं को रिपेयर करने में मदद करता है. ये हार्ट हेल्थ के लिए अच्छा है और स्ट्रोक के खतरे को भी कम करता है.
टमाटर में डायटरी फाइबर्स की भरपूर मात्रा होती है. इसे खाने से बार-बार भूख नहीं लगती. ये क्रेविंग्स को कंट्रोल करता है और ब्लडस्ट्रीम में शुगर के लगातार होने वाली रिलीज में मदद करता है. डायबिटीज के मरीजों को रिफाइंड कार्ब्स खाने से मना किया जाता है क्योंकि, इससे एकदम से शुगर लेवल बढ़ता है. दूसरी तरफ टमाटर नॉन स्टार्ची होता है, इसलिए डायबिटीज के मरीजों के लिए इसे खाना अच्छा माना जाता है.
खाने को बहुत ज्यादा पकाने से भी इसकी न्यूट्रिशनल वैल्यू कम हो जाती है. इसलिए कुछ चीजों को कच्चा खाना ज्यादा हेल्दी माना जाता है. टमाटर को सलाद, जूस, स्मूदी, कोल्ड सूप और सैंडविच में खाए. इस तरह खाना आपके लिए ज्यादा हेल्दी होगा. टोमैटो स्मूदी बनाने के लिए एक बड़ा टमाटर, आधा कप कद्दूकस की हुई गाजर, धनिया पत्ती, आधा इंच अदरक और 2 टीस्पून नींबू का रस लें. इसे ब्लेंड कर लें.
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