आजकल बच्चों में मोटापे की समस्या देखने को मिल रही है, जो उनकी सेहत के लिए परेशानी भी बन रही है. फास्ट फूड और कंफर्टेबल लाइफस्टाइल की वजह से बच्चे मोटापे का शिकार हो रहे हैं. इसकी वजह से कम उम्र में ही उनमें डायबिटीज जैसी खतरनाक बीमारियों के लक्षण देखे जा रहे हैं. इतना ही नहीं, ओबिसिटी से दूसरी बीमारियां भी तेजी से बढ़ रही हैं. इससे भी बड़ी चिंता की बात यह है कि इन बीमारियों के लक्षण आसानी से समझ नहीं आ रहे हैं.
क्या कहते हैं डॉक्टर
डॉक्टरों का कहना है कि बड़ों की तुलना में बच्चों को डायबिटीज ज्यादा खतरनाक हो सकती है, इसलिए उनके केयर की ज्यादा जरूरत होती है. अगर समय रहते इसे कंट्रोल नहीं किया गया तो उम्र बढ़ने के साथ समस्या भी बढ़ती जाएगी और इसका असर बच्चों की किडनी और हार्ट पर पड़ सकता है. इसलिए समय पर इन्हें पहचानकर इलाज करवाना चाहिए.
बच्चों में डायबिटीज के लक्षण
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर आपका बच्चा जल्दी-जल्दी थक जाता है, बार-बार पेशाब करने जा रहा है, उसे ज्यादा प्यास लग रही है तो वह डायबिटीज के शुरुआती लक्षणों से घिरा हो सकता है. इतना ही नहीं अगर बच्चा मोटा है और उसमें ये लक्षण नजर आ रहे हैं तो ध्यान देने की आवश्यकता है. क्योंकि समय पर इन लक्षणों को पहचानकर ट्रीटमेंट किया जा सकता है. पैरेंट्स इन कंडीशन में बच्चों का ब्लड शुगर टेस्ट कराएं. अगर शुगर का लेवल बढ़ा है तो डॉक्टर के पास जाने में देरी न करें.
बच्चों में डायबिटीज कंट्रोल करने के टिप्स
बच्चों में डायबिटीज को नियंत्रण में रखने उनकी लाइफस्टाइल में बदलाव करें.
बच्चों को रोजाना एक्सरसाइज करने की सलाह दें.
बच्चों को पार्क में ले जाएं और स्क्रीन टाइम यानी मोबाइल या दूसरे गैजेट्स पर बिताने वाले टाइम को कम करें.
खानपान का विशेष ध्यान दें. फास्ट फूड खाने से दूर रखें.
अगर परिवार में पहले से किसी को डायबिटीज है तो उनकी सेहत का ख्याल रखें। लक्षण न दिखने पर भी शुगर लेवल की जांच करवाएं.
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