बदलते मौसम में शरीर में कई तरह की परेशानियां होने का खतरा रहता है. खासतौर पर मॉनसून में पेट में इन्फेक्शन से लेकर गले में खराब, बलगम, बुखार जैसी परेशानियां बनी रहती है. ऐसे में कई लोग इस बात से कंफ्यूज रहते हैं कि आखिर उन्होंने ऐसा क्या खा लिया, जिससे उनकी तबियत बिगड़ गई. अगर आप भी इस तरह के सवाल से कंफ्यूज रहते हैं, तो इसका कारण आज इस लेख में बताएंगे. आयुर्वेद के अनुसार, हमारा आहार बदलते मौसम के अनुकूल होना चाहिए.
मॉनसून में कम हो जाती है पेट की पाचक अग्नि
आयुर्वेद के मुताबिक, मॉनसून में पेट का पाचक अग्नि कम हो जाती है. ऐसे में इस सीजन में हमें पेट के अनुकूल आहार लेना चाहिए. खासतौर पर इस सीजन में शरीर को गर्म रखने वाली चीजों का सेवन स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है.
मॉनसून में खट्टी और चिकनी चीजों से करें परहेज
आयुर्वेद के मानें तो मॉनसून में अनार, दही जैसी खट्टी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही चिकनाई वाली चीजों से भी परहेज की सलाह दी जाती है. मॉनसून में इस तरह की चीजों का सेवन करने से बलगम और खांसी की परेशानी हो सकती है. साथ ही इस तरह का आहार मॉनसून में पच नहीं पाता है.
आयुर्वेद के अनुसार, बरसात के सीजन में गरम मसाला जैसे- काली मिर्च, दालचीनी, अदरक, सोंठ जैसी चीजों का सेवन करना चाहिए. इससे गले में खराब, बलगम की परेशानी दूर रहती है.
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