जानिए,ब्रेस्ट डेंसिटी भी ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को काफी हद तक बढ़ा सकती है

ज्यादातर महिलाएं इस बात से अनजान होती हैं कि ब्रेस्ट की डेंसिटी भी ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को काफी हद तक बढ़ा सकती है. अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल में पब्लिश पियर-रिव्यूड स्टडी ने सवाल किया कि क्या मैमोग्राफी स्क्रीनिंग प्रोसेस से गुजरने वाली महिलाओं को यह मालूम रहता है कि उन्हें ब्रेस्ट डेंसिटी से कैंसर होने का खतरा है या नहीं? सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, स्किन कैंसर के बाद अमेरिकी महिलाओं में होने वाला ब्रेस्ट कैंसर दूसरा सबसे कॉमन कैंसर है.

अमेरिका में लगभग 2,64,000 महिलाओं और 2400 पुरुषों का हर साल ब्रेस्ट कैंसर का इलाज किया जाता है. इनमें से करीब 42,000 महिलाएं और 500 पुरुष हर साल इस बीमारी की मुश्किलों से लड़कर अपनी जान गंवा देते हैं. इस नई स्टडी में 40 से 76 साल के बीच की लगभग 2000 महिलाओं से उनके ब्रेस्ट कैंसर के खतरे के बारे में पूछा गया. रिसर्च में सामने आया कि महिलाओं ने कैंसर के लिए अपने परिवार के इतिहास को सबसे बड़ा और खतरनाक कारक बताया.

यहां हैरानी वाली बात यह थी कि ज्यादातर महिलाओं ने ब्रेस्ट डेंसिटी को एक खतरनाक कारक नहीं माना. जबकि लगभग एक तिहाई महिलाओं को यह मालूम नहीं था कि वो अपनी ब्रेस्ट डेंसिटी के खतरे को कम करने के लिए भी कोई कदम उठा सकती हैं. कुछ उदाहरणों की मानें तो कैंसर के लिए पारिवारिक इतिहास से ज्यादा खतरनाक ब्रेस्ट डेंसिटी होता है. स्टडी में कहा गया है कि ज्यादा भारी स्तनों वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा 1.2 से 4.0 गुना ज्यादा होता है.

ब्रेस्ट की डेंसिटी समय के साथ बदलती रहती है. युवा, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं, हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी लेने वाले या शरीर का वजन कम होने से पीड़ित लोगों में ब्रेस्ट डेंसिटी बढ़ने की संभावना ज्यादा रहती है. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक स्टडी में पाया गया है कि स्क्रीनिंग मैमोग्राफी से गुजरने वाली महिलाओं में से लगभग 40-50 प्रतिशत में ब्रेस्ट डेंसिटी होने की सूचना है.

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