लस्सी आपकी पसंदीदा ड्रिंक है और रात में सोने से पहले भी अगर आप एक ग्लास लस्सी जरूर पीते हैं, तो ये आदत आपको परेशानी में डाल सकती है.
लस्सी में बहुत ज्यादा शुगर और फुल फैट मिल्क का इस्तेमाल किया जाता है जो आपको नुकसान पहुंचाएगा. डायबिटीज के मरीजों में इसे पीने से शुगर लेवल अचानक बढ़ सकता है.
बहुत अधिक मसाला लस्सी और छाछ पीना किडनी पर असर डालता है. अगर आपको पहले से ही किडनी से जुड़ी कोई समस्या है, तो लस्सी न पिएं. लस्सी में मौजूद मसालों और नमक के रूप में अत्यधिक सोडियम की मात्रा किडनी से जुड़ी समस्याओं को बढ़ा सकती है.
गर्मियों के मौसम में लस्सी पीना ज्यादातर लोगों को पसंद होता है, लेकिन इसे बनाने में फुल फैट मिल्क, शुगर, नमक और मसालों का इस्तेमाल किया जाता है, जो आपके कैलोरी इनटेक पर असर डालता है.
लस्सी में प्रोटीन होता है, जिससे जब आप नींद में होते हैं, तब शरीर के लिए इसे डाइजेस्ट करना मुश्किल होता है. बेहतर होगा कि आप बाजार से इसे न खरीद कर घर में ही बनाएं. इसे लो फैट मिल्क और ज़ीरो शुगर या शुगर अल्टरनेटिव्स से तैयार करें. लस्सी को ब्रेकफास्ट में पिएं.
अगर आप लस्सी का सेवन बहुत ज्यादा करते हैं तो स्किन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. अगर आपको पहले से एक्जिमा या कोई दूसरी स्किन प्रॉब्लम है तो लस्सी या छाछ न पिएं. इससे आपकी समस्या बढ़ सकती है.
रात में लस्सी पीने से सर्दी-जुकाम की समस्या हो सकती है. लस्सी का असर ठंडा होता है ये शरीर में म्यूकस बनने की प्रक्रिया को बढ़ावा देता है. म्यूकस की वजह से कफ, बॉडी पेन, कंजेशन और बुखार की समस्या हो सकती है.
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