जरांगे-पाटिल प्रस्तावित ‘मुंबई आंदोलन’ की योजना का गुरुवार को करेंगे खुलासा

शिवबा संगठन के नेता मनोज जरांगे-पाटिल ने बुधवार को यहां कहा कि वह 28 दिसंबर को मुंबई की ‘घेराबंदी’ करने की अपनी प्रस्तावित मराठा आंदोलन योजना के विवरण की घोषणा करेंगे।

उन्होंने राज्य के सभी मराठों से आह्वान किया कि वे “अपने बच्चों के भविष्य की खातिर अपने घरों से बाहर निकलें… मुंबई की ओर चलें… “। इससे लोकसभा 2024 के चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक हलकों में चिंताएं पैदा हो गईं।

मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण देने की समय सीमा 24 दिसंबर को समाप्त हो गई थी, लेकिन राज्य सरकार अब तक इस मुद्दे पर उदासीन बनी हुई है।

जरांगे-पाटिल ने स्पष्ट रूप से दावा किया, “हम जानते हैं कि सरकार हमें कोटा नहीं देगी… सरकार अपना काम कर रही है, हम अपना काम कर रहे हैं।”

उन्होंने दोहराया कि मराठा और कुनबी (ओबीसी) जातियां “एक ही” हैं और इस आशय के लाखों ऐतिहासिक साक्ष्य और प्रमाण पत्र भी विभिन्न जिलों में पाए गए हैं।

जारांगे-पाटिल ने कहा, “हम लगातार कहते रहे हैं कि मराठा और कुनबी एक ही हैं… इसलिए हमें कुनबी (ओबीसी) जाति से कोटा दिया जाना चाहिए। यदि आरक्षण 50 प्रतिशत की सीमा को पार कर जाता है तो क्या कोई आरक्षण रुक जायेगा।”

उन्होंने घोषणा की, “अब पीछे हटने का सवाल ही नहीं है… यह हमारी अगली पीढ़ियों के भविष्य की रक्षा के लिए है… सभी (मराठा) अपने घरों से बाहर आएं और मुंबई की ओर चलें…।”

उनके सहयोगियों ने कहा कि पहले की घोषणाओं के अनुसार, जरांगे-पाटिल एक करोड़ मराठों को लाने के प्रयासों के साथ मुंबई पर ‘घेराबंदी’ करने की योजना बना रहे हैं, जो पूरे राज्य से मार्च करेंगे और जनवरी 2024 की शुरुआत में देश की वाणिज्यिक राजधानी के बाहरी इलाके में बैठेंगे।

गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आश्वासन दिया था कि सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद, राज्य सरकार फरवरी 2024 में मराठा आरक्षण की घोषणा करने के लिए विधानमंडल का एक विशेष सत्र बुलाएगी।

सीएम ने कोटा आश्वासन को लागू करने के लिए और अधिक समय की मांग करते हुए जरांगे-पाटिल से मिलने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल भेजा, लेकिन मराठा नेता ने यह कहते हुए प्रस्ताव ठुकरा दिया कि “अब कोई समय सीमा नहीं बढ़ाई जाएगी”।

– एजेंसी