In this handout photo taken and released by Indian Press Information Bureau (PIB) on April 14, 2020, India's Prime Minister Narendra Modi addresses to the nation during a government-imposed nationwide lockdown as a preventive measure against the COVID-19 coronavirus, in New Delhi. - India's nationwide coronavirus lockdown, the biggest in the world covering 1.3 billion people, will be extended until May 3, Prime Minister Narendra Modi said on April 14. (Photo by Handout / PIB / AFP) / RESTRICTED TO EDITORIAL USE - MANDATORY CREDIT "AFP PHOTO / INDIAN PRESS INFORMATION BUREAU " - NO MARKETING - NO ADVERTISING CAMPAIGNS - DISTRIBUTED AS A SERVICE TO CLIENTS

सदन के नियम तोड़ने के कदम का बचाव करना विधायिका के लिए अच्छा नहीं : प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि राजनीतिक दलों का सदन के नियम तोड़ने वाले सदस्यों का समर्थन करना और उनके आचरण का बचाव करना संसद और राज्य विधानसभाओं के लिए अच्छा संकेत नहीं है।

यहां 84वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन (एआईपीओसी) को ऑनलाइन संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि युवा निर्वाचित प्रतिनिधियों को विधायी समितियों में अधिक अवसर दिया जाना चाहिए, ताकि वे नीति-निर्माण में अधिक भागीदार बन सकें।

मोदी ने कहा, ”एक समय था जब सदन में अगर कोई सदस्य नियम तोड़ता था और उस सदस्य के खिलाफ कार्रवाई होती थी तो सदन के वरिष्ठ सदस्य उनसे बात करते थे ताकि भविष्य में वह गलती न दोहराएं और सदन के नियम न तोड़ें।”

प्रधानमंत्री ने कहा, ”लेकिन, आजकल कुछ राजनीतिक दल ऐसे सदस्यों के समर्थन में खड़े होते हैं और उनकी गलतियों का बचाव करते हैं। यह स्थिति संसद या राज्य विधानसभाओं के लिए अच्छी नहीं है।” उन्होंने कहा कि ई-विधान और डिजिटल संसद पहल के माध्यम से ‘एक राष्ट्र, एक विधान मंच’ पर काम चल रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दस वर्षों में उनकी सरकार ने 2,000 पुराने कानूनों को खत्म कर दिया है।

– एजेंसी