प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि राजनीतिक दलों का सदन के नियम तोड़ने वाले सदस्यों का समर्थन करना और उनके आचरण का बचाव करना संसद और राज्य विधानसभाओं के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
यहां 84वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन (एआईपीओसी) को ऑनलाइन संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि युवा निर्वाचित प्रतिनिधियों को विधायी समितियों में अधिक अवसर दिया जाना चाहिए, ताकि वे नीति-निर्माण में अधिक भागीदार बन सकें।
मोदी ने कहा, ”एक समय था जब सदन में अगर कोई सदस्य नियम तोड़ता था और उस सदस्य के खिलाफ कार्रवाई होती थी तो सदन के वरिष्ठ सदस्य उनसे बात करते थे ताकि भविष्य में वह गलती न दोहराएं और सदन के नियम न तोड़ें।”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”लेकिन, आजकल कुछ राजनीतिक दल ऐसे सदस्यों के समर्थन में खड़े होते हैं और उनकी गलतियों का बचाव करते हैं। यह स्थिति संसद या राज्य विधानसभाओं के लिए अच्छी नहीं है।” उन्होंने कहा कि ई-विधान और डिजिटल संसद पहल के माध्यम से ‘एक राष्ट्र, एक विधान मंच’ पर काम चल रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दस वर्षों में उनकी सरकार ने 2,000 पुराने कानूनों को खत्म कर दिया है।
– एजेंसी