आज के दौर में बाजार में मिलने वाला ज़्यादातर सामान मिलावटी होता जा रहा है। खासकर खाने-पीने की चीज़ों में मिलावट आम हो गई है। ये मिलावटें न सिर्फ आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती हैं, बल्कि कई बार गंभीर बीमारियों की वजह भी बन सकती हैं।
खासकर किचन में सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने वाला सरसों का तेल, जिसकी शुद्धता बेहद अहम है। लोग इसे न सिर्फ खाना पकाने में बल्कि मालिश, दर्द से राहत और आयुर्वेदिक उपायों में भी इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बाजार में मिलने वाला सरसों का तेल असली है या नकली?
यह जानना बेहद जरूरी है। आइए आपको बताते हैं कुछ आसान घरेलू तरीके, जिनसे आप सरसों के तेल की शुद्धता की जांच कर सकते हैं।
✅ असली सरसों का तेल पहचानने के आसान तरीके
🔹 तेज गंध से करें पहचान
शुद्ध सरसों के तेल की खुशबू बहुत तेज होती है। इसे सूंघते ही नाक में हल्की जलन सी महसूस होती है। अगर तेल में गंध हल्की है या बिल्कुल नहीं आ रही, तो समझ लीजिए उसमें मिलावट है।
🔹 फ्रिज टेस्ट
एक कटोरी में सरसों का तेल लें और उसे फ्रिज में कुछ घंटों के लिए रख दें। यदि तेल जम जाता है, तो उसमें मिलावट है। असली सरसों का तेल कभी नहीं जमता।
🔹 हथेली पर रगड़ कर देखें
थोड़ा सा तेल अपनी हथेली पर लेकर रगड़ें। अगर तेल से कोई रंग निकलने लगे, तो समझ जाएं कि उसमें रंग मिलाया गया है। असली सरसों के तेल से ऐसा कुछ नहीं होता।
🔹 रंग से पहचानें
शुद्ध सरसों का तेल गहरे पीले रंग का होता है। अगर इसका रंग हल्का और फीका लगे, तो उसमें मिलावट हो सकती है।
📌 मिलावटी तेल से हो सकते हैं ये नुकसान:
गैस और एसिडिटी की समस्या
लीवर और किडनी पर बुरा असर
पाचन तंत्र पर असर
स्किन एलर्जी या जलन
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