मजेदार जोक्स: अपना पूरा परिचय दो

रवि (सरदार बने अब्बू से ): ऐ सरदार जी, तुम कौन हो ? कहाँ से आये ? अपना पूरा परिचय दो।
अब्बू : क्लेवर लॉयन फ्रॉम क्लेवर पुर।
रवि: ज़्यादा होशियार बनता है। हिंदी में बता।
अब्बू : होशियार सिंह, होशियारपुर से।
रवि: ठीक है। ठीक है। त्वाडे प्यो दा ना की है ?
अब्बू : थाउजेंड लॉयन।
रवि: मतबल की है!
अब्बू :ओ जी मतबल की होणा है थाउजेंड लॉयन दा सिधा-साधा मतलब है–हज़ारा सिंह। कहो तो दादा का नाम भी बता दूँ।
रवि : तेरी उट-पटांग बोलने की खुजली मिट जाएगी तो बता दे।
अब्बू : ब्लैक रेड लॉयन।
रवि (माथा पकड़ते हुए। हाथ जोड़ते हुए।): रहम करों बादशाहो। दस दो मतलब की है!
अब्बू : श्यामलाल सिंह😜😂😂😂😛🤣

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अब्बू : मुझे गाना सीखा दो गोलू भाईसाहब।
रवि: ये लो किताब, इसमें गाने लिखे हैं। कुछ भी गा कर सुनाओ।
अब्बू (पन्ने पलटते हुए):”हम होंगे कामयाब, तीन बार।”
रवि (गुस्से में): अबे उल्लू के पट्ठे। इसमें तीन बार बोलना नहीं है। इस लाइन को तीन बार गाना है।
अब्बू (पन्ने पलटते हुए): चलो दूसरा गाना गाता हूँ। “मुझे नींद न आये … मुझे नींद न आये … मुझे नींद न आये … मुझे चैन न आये … मुझे चैन न आये …मुझे चैन न आये …”
रवि(गुस्से में): अबे नींद की गोली खा … मेरा दिमाग क्यों खा रहा है। कुछ और सुना।
अब्बू (पन्ने पलटते हुए): इस बार नया गाना सुनाता हूँ। “चार बोतल वोडका … काम मेरा रोज़ का …”
रवि (गुस्से में): अबे तू बेवडा है। ये बात सारी दुनिया को गा के क्यों बता रहा है। चल कोई पुराना गीत सुना।
अब्बू (पन्ने पलटते हुए): “आवाज़ दे कहाँ है? दुनिया मेरी जवाँ है।”
रवि (गुस्से में): अबे ऐसे मरे हुए अंदाज़ क्यों गा रहा है।गा रहा है या भौंक रहा है ऐसा लग रहा है, जैसे गा रहा हो –“भौंक दे कहाँ है, कुतिया मेरी जवाँ है।”
अब्बू (पन्ने पलटते हुए): चलो दूसरा गाना सुनो। “आवारा हूँ। या गर्दिश में हूँ। आसमान का तारा हूँ।
रवि(गुस्से में): माँ के दीने तेरी पढ़ने-लिखने में रूचि कभी थी नहीं। इसलिए तूने आवारा ही तो बनना था।
अब्बू (किताब फेंकते हुए): मैं नहीं गाता … पकड़ अपनी किताब।😜😂😂😂😛🤣

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