भारतीय संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम में विश्वास करती है: कलराज मिश्र

उदयपुर (एजेंसी/वार्ता): राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि कि भारतीय संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम में विश्वास करती है। यह सारा विश्व हमारा परिवार है। इसलिए सर्वे भवन्तु सुखिन के भावों से हमारी संस्कृति ओतप्रोत है। मिश्र आज शाम यहां लोक संस्कृति के अनूठे पर्व शिल्पग्राम उत्सव का आगाज कर रहे थे। मिश्र ने पारंपरिक नगाड़ा बजाकर एवं दीप प्रज्जवलित कर इस उत्सव का शुभारंभ किया।

उन्होंने समारोह को संबोधित करते हुए सभी अतिथियों का स्वागत कर कहा कि शिल्पग्राम जीवन से जुड़ी उत्सवधर्मिता का त्योहार है। भारतीय संस्कृति जीवन से जुड़े संस्कारों से ही प्रत्यक्षतः जुड़ी हुई है। जीवन से जुड़े जो संस्कार हैं, उनसे ही कला उपजती रही है। उन्होंने कहा कि यहां जो स्टॉल लगाए हैं, उनको देखकर स्पष्ट ही यह अनुभूत होता है कि जीवन से जुड़ी परम्पराओं को कैसे कलाकारों ने अपने सृजन में शिल्प, चित्रकला और अन्य कलाओं में उकेरा है।

मिश्र ने कहा कि हमारे यहां शिल्प शास्त्रों में विविध प्रकार की कलाओं तथा हस्तशिल्पों का विशद् विवेचन किया गया है। शिल्प के अंतर्गत विभिन्न प्रकार से जुड़े हस्तशिल्प, डिजाइन और उनसे जुड़े सिद्धान्तों को वर्णित किया गया है। उन्होंने कहा कि पूरी चौसठ कलाओं का उल्लेख हमारे शास्त्रों में किया गया है। इन चौसठ कलाओं में काष्ठकारी, स्थापत्य कला, आभूषण कला, नाट्यकला, संगीत, वैद्यक, नृत्य, काव्यशास्त्र आदि सभी कुछ आ जाता है। कलाओं की वैदिक कालीन संज्ञा भी हमारे यहां शिल्प रही है और हरेक कला दूसरी कला में घुल-मिलकर ही पूर्णता को प्राप्त होती है।

मिश्र ने कहा कि उदयपुर का यह शिल्पग्राम देशभर में विख्यात है। सबसे बड़ी बात यह है कि यहां पर राजस्थान, गोवा, गुजरात और महाराष्ट्र की ग्रामीण और स्वदेशी संस्कृति एक साथ अनुभूत की जा सकती है। इन सभी राज्यों के विभिन्न जातीय समुदायों की संस्कृति, उनकी जीवनशैली और परंपराओं को यहां झोपड़ियों में दर्शाया गया है। उन्होंने कहा कि शिल्पग्राम उत्सव में 400 शिल्पकार और 700 लोक कलाकार भाग ले रहे हैं। इन सबके पास कलाओं कलाओं का अनमोल खजाना है। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही महत्वपूर्ण है कि शिल्पग्राम में बेणेश्वर धाम के संत मावजी महाराज के चोपड़ों में समाहित चित्रों का छायांकन कर प्रलेखन किया गया है।

मिश्र ने जयपुर के तमाशा कलाकार व रंगकर्मी दिलिप कुमार भट्ट तथा अहमदाबाद के संस्कृति कर्मी तथा जनजाति कला के उन्नयन में उल्ल्ेखनीय कार्य करने वाले डॉ. भगवान दास पटेल को पद्मभूषण डॉ कोमल कोठारी स्मृति लाइफ टाइम अचीवमेन्ट पुरस्कार प्रदान किया। शुभारंभ समारोह में गोवा के कला एवं संस्कृति मंत्री गोविन्द गावड़े, बेणेश्वर धाम के महंत अच्युतानंद पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र निदेशक किरण सोनी गुप्ता, चुनाव आयुक्त मधुकर गुप्ता, संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट, जिला कलक्टर ताराचंद मीणा मौजूद रहे।

-एजेंसी/वार्ता

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