भारत ने चार देशों के ईएफटीए ब्लॉक के साथ प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत स्विट्जरलैंड से निवेश प्रतिबद्धताएं मांगी हैं। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के सदस्य हैं।
अधिकारी ने कहा कि समझौते के लिए बातचीत अग्रिम चरण में है और दोनों पक्ष इसे तेजी से पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।
निवेश प्रतिबद्धता से भारत को अपने अधिकतर सामान पर सीमा शुल्क हटाने के स्विट्जरलैंड के फैसले को संतुलित करने में मदद मिलेगी।
इस कदम का समझौते पर क्या असर होगा इस सवाल पर अधिकारी ने कहा कि कई अन्य चीजों के मुकाबले इस पर ‘मोलभाव’ किया जा सकता है।
अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमने उनसे कहा है कि हमें निवेश पर प्रतिबद्धताओं की आवश्यकता होगी ताकि वस्तुओं पर यह शून्य शुल्क देश में अधिक निवेश तथा अधिक विनिर्माण को संतुलित कर सके।”
भारत की ओर से बातचीत कर रहे अधिकारी इस तथ्य पर भी गौर कर रहे हैं कि स्विस कंपनियां भारत में कैसे विनिर्माण कर सकती हैं जिससे ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को बढ़ावा मिले और घरेलू विनिर्माण क्षमता बढ़ाने में भी मदद मिले।
कुछ ईएफटीए सदस्यों द्वारा सोने पर शुल्क कटौती की मांग के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा, ‘‘यह इसका हिस्सा है, लेकिन हमारा अधिक ध्यान सोने के अलावा अन्य मुद्दों पर है।”
स्विट्जरलैंड सोने के आयात का सबसे बड़ा स्रोत है। इस वित्त वर्ष में अप्रैल-अक्टूबर के दौरान कुल आयात में इसकी करीब 41 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
भारत और ईएफटीए आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए जनवरी, 2008 से आधिकारिक तौर पर व्यापार तथा आर्थिक भागीदारी समझौते (टीईपीए) पर बातचीत कर रहे हैं।
ईएफटीए के कनाडा, चिली, चीन, मेक्सिको और दक्षिण कोरिया सहित 40 भागीदार देशों के साथ 29 मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) हैं।
– एजेंसी