भारत नवीकरणीय ऊर्जा की स्थापित क्षमता के लिहाज से दुनिया में चौथे स्थान पर: राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि जलवायु परिर्वतन की चुनौतियों के बीच सरकार हरित ऊर्जा पर जोर दे रही है और नवीकरणीय ऊर्जा की स्थापित क्षमता की दृष्टि से हम दुनिया में चौथे स्थान पर पहुंच गये हैं।

राष्ट्रपति ने संसद के बजट सत्र के पहले दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि देश ने 2030 तक अपनी स्थापित क्षमता का 50 प्रतिशत हरित ऊर्जा स्रोतों से पूरा करने का लक्ष्य रखा है।

बिजली मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार वर्तमान में कुल स्थापित क्षमता में पवन, सौर और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से उत्पन्न बिजली की स्थापित उत्पादन क्षमता 31.3 प्रतिशत है।

उन्होंने कहा, ”विश्व में आज ऐसे उत्पादों की विशेष मांग है, जो पर्यावरण के अनुकूल हों। इसीलिए सरकार पर्यावरण पर शून्य प्रभाव के उम्दा गुणवत्ता वाले उत्पादों (जीरो इफेक्ट जीरो डिफेक्ट) पर ध्यान दे रही है।”

मुर्मू ने कहा, ”हमारा हरित ऊर्जा पर विशेष ध्यान है। इसी कारण 10 साल में गैर-जीवाश्म ईंधन पर आधारित ऊर्जा क्षमता 81 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) से बढ़कर 188 गीगावाट हो चुकी है।

इस दौरान सौर बिजली क्षमता में 26 गुना बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह पवन ऊर्जा क्षमता दोगुनी हो गई है। इसके साथ नवीकरणीय ऊर्जा की स्थापित क्षमता की दृष्टि से हम दुनिया में चौथे स्थान पर हैं।

राष्ट्रपति ने कहा, ”बीते 10 साल में 11 नए सौर पार्क बन चुके हैं। नौ सौर पार्कों पर आज काम चल रहा है।”

उन्होंने कहा, ”कुछ दिन पहले ही घर की छत पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए एक नई योजना घोषित की गई है। इसके तहत एक करोड़ परिवारों को मदद दी जाएगी। इससे बिजली का बिल भी कम होगा और अतिरिक्त बिजली की खरीद बाजार में की जाएगी।”

प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के तहत एक करोड़ घर की छतों पर सौर पैनल स्थापित करने का लक्ष्य है।

एथनॉल का जिक्र करते हुए मुर्मू ने कहा, ”सरकार ने एथनॉल के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है। देश, 12 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर चुका है। बहुत ही जल्द, 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य भी पूरा होने वाला है।”

उन्होंने कहा, ”इससे हमारे किसानों की आय बढ़ेगी। अभी तक सरकारी कंपनियां एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का एथनॉल खरीद चुकी हैं। इन सारे प्रयासों से अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए विदेशों पर निर्भरता कम होगी।”

राष्ट्रपति ने कहा, ”हाइड्रोजन ऊर्जा के इस क्षेत्र में भी भारत तेज गति से आगे बढ़ रहा है। हम अभी तक लद्दाख और दमन-दीव में दो परियोजनाएं शुरू कर चुके हैं।”

उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भी बहुत तेजी से काम किया जा रहा है। सरकार ने 10 नए परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को स्वीकृति दी है।

– एजेंसी