नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत में आठ प्रतिशत की दर से वृद्धि करने की क्षमता है, देश में पर्याप्त श्रमबल है और कामकाज के लिहाज से संस्थागत स्तर पर वह काफी परिपक्व है।
बेरी ने आगाह किया कि वास्तविकता यह है कि भारत का उत्तरी क्षेत्र पारंपरिक रूप से भारत के दक्षिण क्षेत्र से बेहतर प्रदर्शन नहीं कर रहा है। इससे संघीय राजव्यवस्था में तनाव उत्पन्न हो सकता है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और वित्त मंत्रालय द्वारा आयोजित वैश्विक आर्थिक नीति मंच 2023 में बेरी ने कहा, ‘‘इससे आठ प्रतिशत की वृद्धि या इसके आसपास रहने का मतलब निरंतर परिवर्तन है जिसे राजनीतिक रूप से व्यवस्थित करने की आवश्यकता है।”
बेरी का मानना है कि भारत की आधुनिकीकरण यात्रा असामान्य व अनोखी है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं अगले 25 वर्षों के लिए भारत पर दांव लगाना चाहूंगा तो मैं सबसे पहले इस तथ्य पर जोर दूंगा कि हमारे पास श्रमबल की कमी नहीं है जबकि विश्व में श्रमिकों की कमी है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे पास संस्थागत परिपक्वता है… ।”
बेरी ने कहा कि भारत जैसे देश में आर्थिक वृद्धि, समानता के लिए एक आवश्यक कारक है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए वृद्धि अपने आप में एक लक्ष्य नहीं है, बल्कि यह जीवन स्तर को ऊपर उठाने तथा भारत की रणनीतिक व संस्थागत अर्थव्यवस्था को सुरक्षित करने का एक साधन है।”
बेरी ने बताया कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है लेकिन फिर भी जी20 में वह प्रति व्यक्ति सबसे कम आय वाला देश है।
– एजेंसी