केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है।
श्री शाह ने यहां सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (एसवीपीएनपीए) में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 75 आरआर बैच के प्रोबेशन अधिकारियों की पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति से जीरो टॉलरेंस रणनीति और जीरो टॉलरेंस कार्रवाई की दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत पर जोर दिया।
उन्होंने आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और साक्ष्य अधिनियम सहित पुराने ब्रिटिश काल के कानूनों में सुधार के सरकार के प्रयासों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इन परिवर्तनों का उद्देश्य लोगों और अधिकारियों के अधिकारों की रक्षा करना है। नागरिकों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए इन कानूनों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करना चाहिए।
श्री शाह ने कहा कि केंद्र ने इन तीनों विधेयकों को संसद में पेश किया है और गृह मंत्रालय की संसदीय समिति इनका अध्ययन कर रही है तथा बहुत जल्द ये कानून पारित हो जाएंगे।
उन्होंने कहा,“इन कानूनों के आधार पर नई आपराधिक न्याय प्रणाली शुरू होगी।”
इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री ने आईपीएस अधिकारियों से वंचितों के कल्याण और सुरक्षा के लिए लगन से काम करने का आग्रह किया है। उन्होंने संगठित अपराध के विभिन्न रूपों से उत्पन्न चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने साइबर अपराधों को नियंत्रित करने और आपराधिक गतिविधियों, विशेषकर हवाला तथा जालसाजी से संबंधित गतिविधियों से निपटने में प्रौद्योगिकी की भूमिका पर भी जोर दिया।
श्री शाह ने स्वीकार किया कि आईपीएस अधिकारियों को भविष्य में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने उन्हें साइबर अपराध, क्रिप्टोकरेंसी, हवाला लेनदेन, नकली मुद्रा, नशीले पदार्थों, अंतर-राज्य आपराधिक नेटवर्क, आरोप पत्र दाखिल करने और फोरेंसिक विज्ञान जैसे विभिन्न पहलुओं में महारत हासिल करने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
उन्होंने आपराधिक न्याय प्रथाओं को विकसित कानूनी प्रणालियों के साथ जोड़ने और सुरक्षा प्रदान करने में जनता का विश्वास हासिल करने के महत्व पर भी जोर दिया।
कार्यक्रम के दौरान श्री शाह ने उत्कृष्ट प्रशिक्षु अधिकारियों को ट्रॉफी प्रदान की।
उन्होंने 155 आईपीएस अधिकारी प्रशिक्षु और 20 विदेशी अधिकारी प्रशिक्षु समेत 175 अधिकारी प्रशिक्षुओं के प्रशिक्षण की सराहना की। प्रशिक्षण कार्यक्रम में 102-सप्ताह का पाठ्यक्रम शामिल है, जिसमें मसूरी में एलबीएस नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (एलबीएसएनएए) में 15-सप्ताह का फाउंडेशन कोर्स, हैदराबाद में एसवीपीएनपीए में 49-सप्ताह का चरण-I बेसिक कोर्स और अपने-अपने कैडर एवं राज्यों में 29 सप्ताह का जिला व्यावहारिक प्रशिक्षण शामिल है। इसके अलावा एसवीपीएनपीए में नौ सप्ताह का चरण- II बेसिक कोर्स भी शामिल है।
एसवीपीएनपीए के निदेशक अमित गर्ग ने प्रशिक्षण के सफल समापन के लिए अधिकारी प्रशिक्षुओं की प्रशंसा की और आधुनिक दुनिया में व्यवहारिक प्रशिक्षण, नैतिकता तथा मानवाधिकारों के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने सफेदपोश अपराधों और साइबर अपराध सहित समसामयिक चुनौतियों के लिए अधिकारियों को तैयार करने के लिए शिक्षण एवं प्रशिक्षण पद्धतियों को आधुनिक बनाने के अकादमी के प्रयासों पर प्रकाश डाला।
इस कार्यक्रम में प्रशिक्षुओं की विविध संरचना पर भी प्रकाश डाला गया, जिसमें 34 महिला अधिकारी हैं जिनमें 32 आईपीएस अधिकारी प्रशिक्षु और दो विदेशी अधिकारी प्रशिक्षु शामिल हैं।
विदेशी अधिकारी प्रशिक्षुओं में छह भूटान से, पांच मालदीव से, पांच नेपाल से और चार मॉरीशस पुलिस से हैं।
– एजेंसी