महिलाओं में बढ़ता मोटापा बना संतान सुख में बाधा, जानें एक्सपर्ट्स की राय

मेडिकल जर्नल द लैंसेट की एक नई रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 30 वर्षों में भारतीय महिलाओं में मोटापा तेजी से बढ़ा है।
📌 1990 में जहां 23 लाख महिलाएं मोटापे से ग्रस्त थीं, वहीं 2023 में यह आंकड़ा बढ़कर 5 करोड़ हो गया है।
मोटापा सिर्फ डायबिटीज और हार्ट डिजीज जैसी बीमारियों का कारण नहीं बनता, बल्कि यह महिलाओं में इनफर्टिलिटी (बांझपन) का भी एक बड़ा कारण बन रहा है।

30% महिलाओं में इनफर्टिलिटी का कारण मोटापा!
भारत में 10% शादीशुदा महिलाएं इनफर्टिलिटी की शिकार हैं। रिसर्च बताती है कि इनमें से 30% महिलाओं के बांझपन की मुख्य वजह मोटापा है।

🔸 हार्मोनल असंतुलन: मोटापे के कारण महिलाओं में हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है। मेल हार्मोन (एंड्रोजन) बढ़ने से ओवुलेशन प्रभावित होता है, जिससे कंसीव करने में दिक्कत आती है।
🔸 एग की क्वालिटी खराब होती है: शरीर में लेप्टिन हॉर्मोन सही से काम नहीं करता, जिससे अंडाणु (एग) बनने की प्रक्रिया बाधित होती है। कुछ मामलों में एग बनना रुक जाता है, जिससे इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है।
🔸 गर्भपात का खतरा: यदि कोई मोटी महिला गर्भधारण कर भी लेती है, तो सामान्य वजन वाली महिला की तुलना में मिसकैरिज और गर्भपात का खतरा अधिक होता है।
🔸 प्रेगनेंसी में जटिलताएं: मोटापे के कारण गर्भावस्था में ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हाई-रिस्क प्रेगनेंसी जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।

कैसे कम करें मोटापा?
✅ नियमित एक्सरसाइज करें – रोजाना कम से कम 30 मिनट की वॉक या योग करें।
✅ जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड से परहेज करें – पैक्ड फूड, तले-भुने खाने से बचें।
✅ हेल्दी डाइट अपनाएं – ताजे फल, हरी सब्जियां और प्रोटीन युक्त आहार लें।
✅ पर्याप्त नींद लें – 7-8 घंटे की अच्छी नींद शरीर को फिट रखने में मदद करती है।
✅ तनाव कम करें – मेडिटेशन और योग अपनाकर मानसिक तनाव से बचें।

क्या करें अगर वजन ज्यादा हो?
अगर आप मोटापे के कारण गर्भधारण करने में कठिनाई महसूस कर रही हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। लाइफस्टाइल में सुधार और सही मेडिकल गाइडेंस से इस समस्या से बचा जा सकता है। सेहतमंद शरीर से ही स्वस्थ संतान का सपना पूरा हो सकता है!

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