तोक्यो में बुधवार को जी7 देशों के औद्योगिक प्रतिनिधियों ने बैठक के दौरान इजराइल-हमास युद्ध पर एकजुट रुख अपनाने के लिए प्रयास किया वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन और अन्य वरिष्ठ राजनयिक पश्चिम एशिया में लगातार गहराते जा रहे मानवीय संकट को रोकने तथा युद्ध खत्म करने के तरीके तलाशने में जुटे हैं।
जी7 विदेश मंत्रियों की दूसरे व अंतिम दिन की वार्ता में विभिन्न वैश्विक संकट पर बातचीत हुई। बैठक का मुख्य एजेंडा सात अक्टूबर को हमास के अभूतपूर्व एवं अप्रत्याशित हमले के बाद इजराइल की प्रतिक्रिया के कारण उत्पन्न मानवीय संकट और गाजा में महीने भर से जारी संघर्ष रहा। साथ ही बैठक में रूस-यूक्रेन युद्ध, उत्तर कोरिया परमाणु व मिसाइल कार्यक्रम और चीन की क्षेत्रीय विवाद को लेकर अपने पड़ोसियों के साथ बढ़ती आक्रमकता जैसे विषयों पर भी बातचीत हुई।
पश्चिम एशिया का तूफानी दौरा करने बाद तोक्यो पहुंचे ब्लिंकन ने कहा कि इजराइल में युद्ध पर एक स्पष्ट रुख बहुत ही जरूरी है ठीक वैसे ही, जैसे यूक्रेन और अन्य बड़े मुद्दों पर राजनयिकों ने किया। मंत्री भी गाजा को लेकर मतभेदों को गहराने से रोकने का प्रयास कर रहे हैं।
ब्लिंकन ने जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा के साथ मुलाकात करने के बाद जापान के विदेश मंत्री योको कामिकावा से कहा, ”इस संकट की घड़ी में जी7 राष्ट्रों के लिए एक साथ आने और एक स्वर में आवाज उठाने के लिए यह एक बहुत ही जरूरी क्षण है, जैसा कि हम करते आए हैं।”
तोक्यो में ब्लिंकन और ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान और इटली के विदेश मंत्री पश्चिम एशिया की सीमा पर पहले से ही बेहद कमजोर हो चुके सुरक्षा हालात को और अधिक अस्थिरता की ओर जाने से बचाने के उद्देश्य से गाजा युद्ध रोकने के लिए साझा आधार तलाशने की कोशिश करेंगे।
– एजेंसी